घर में बच्चा पैदा होने की खुशी सबसे बड़ी खुशी मानी जाती है. बच्चों को खेलाते हुए अधिकांश लोग ये नहीं जानते होंगे कि बच्चे आपकी तरफ सभी कलर नहीं देख पाते हैं. आज हम आपको बताएँगे कि बच्चे जन्म लेने के बाद किस रंग में इस दुनिया को देखते हैं.
बच्चों का जन्म
बच्चे के जन्म के साथ घर में खुशियां आती हैं. लेकिन अधिकांश माता-पिता ये बात नहीं जानते हैं कि बच्चों को रंग दिखना कब शुरू होते हैं. क्या पैदा होने के साथ बच्चों को सभी रंग दिखने लगते हैं? क्या नवजातबच्चे रंगों में अंतर कर पाते हैं.
बता दें कि ज्यादातर बच्चे 8 महीने की उम्र में घुटनों से चलना शुरू कर देते हैं. वहीं 11 महीने से लेकर 18 महीने की उम्र के बीच बच्चे पैरों पर खड़े होकर चलना शुरू कर देते हैं. घुटनों से चलने के दौरान बच्चों में आंख, हाथ, पैर और शरीर के बीच को-ऑर्डिशन की स्किल डेवलप होती है. वहीं बच्चे 10 महीने से लेकर 24 महीने के बीच बोलना शुरू कर देते हैं. कुछ बच्चे थोड़ा ज्यादा समय भी लेते हैं. रंगों को देखने या पहचान करने के मामले में बच्चे युवाओं के मुकाबले कम संवेदनशील होते हैं. सामान्य तौर पर बच्चे 5 महीने की उम्र में रंगों को अच्छी तरह से देखना शुरू कर देते हैं.
जन्म लेने पर बच्चों को कौन सा रंग दिखता?
शोध के मुताबिक पैदा होने के तुरंत बाद बच्चों को सभी रंग दिखाई नहीं देते हैं. नवजात बच्चे दुनिया को सिर्फ काले और सफेद रंग में देखते हैं. उन्हें ज्यादातर चीजों में ग्रे शेड भी नजर आता है. इसे बच्चे 4 महीने की उम्र तक धीरे-धीरे कलर विजन डेवलप करते हैं. नवजात बच्चे सफेद और काले रंग के बीच की चमक को भी देख सकते हैं. काले-सफेद के साथ ग्रे शेड के बाद बच्चे पैदा होने के एक सप्ताह बाद सबसे पहले लाल रंग को अलग से पहचानना शुरू करते हैं. जिसके बाद धीरे-धीरे बच्चे रंगों में अंतर करना शुरू कर देते हैं.
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