Haj Pilgrimage Death: सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. फिलहाल भीषण गर्मी के चलते 1301 हजा यात्रियों की मौत की जानकारी सामने आ रही है. सऊदी के स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि मरने वालों में 83 फीसदी हज यात्री अनाधिकृत थे, जो पवित्र शहर मक्का में काफी दूर से चलकर भीषण गर्मी में हज की रस्में अदा करने आए थे. हर साल यात्रा के दौरान सैंकड़ो हज यात्री अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इन हज यात्रियों को मुआवजे की राशि मिलती है? चलिए जानते हैं.


हज यात्रा के दौरान मरने वालों को दिया जाता है मुआवजा?


हज यात्रा के दौरान यदि कोई व्यक्ति मरता है तो उसे किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिलता. दरअसल सऊदी अरब के हज संबंधित कानून में साफतौर पर इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि हज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसका शव उसके देश में नहीं भेजा जाताबल्कि उसे सऊदी अरब में ही दफना दिया जाता है.


देश नहीं भेजा जाता मृतक का शव


बता दें कि हज यात्रा की तैयारी करते समय हर व्यक्ति हज से संबंधित एक आवेदन पत्र पर साइन करता हैजिसमें साफतौर पर लिखा होता है कि यदि सऊदी अरब की जमीन पर या आसमान में उसकी मौत होती है तो उसके शव को वहां दफना दिया जाएगा. इसमें उनके परिवार या फिर उसके परिजनों की भी किसी भी आपत्ति को स्वीकार नहीं की जाएगासाफतौर पर हज यात्रा के दौरान जिस भी व्यक्ति की मौत होती है उसे उसके देश वापस नहीं भेजा जाता, ऐसे में हज यात्रा के दौरान मरने वाले व्यक्ति के परिजन भी उसका शव अपने देश वापस लाना चाहें तो उन्हें इस बात की इजाजत नहीं मिलती.


मक्का में मरना पवित्र मानते हैं हज यात्री!


बता दें मुस्लिम धर्म में मक्का को सबसे पवित्र जगह माना जाता हैइसी के साथ मुस्लिम समाज के बीच मक्का और मदीना को लेकर ये मान्यता है कि यहां की मिट्टी में दफन होना उनके लिए सौभाग्य जैसा हैकई लोग जब हज पर जाते हैं तो इस बात की ख्वाहिश भी करते हैं कि यदि मौत आए तो इस यात्रा के दौरान ही आ जाएताकि मरने के बाद उनकी आत्मा को शांति मिले.          


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