What is CC: जब किसी शोरूम पर कोई कार या बाइक लेने जाते हैं, तो हमे बताया जाता है कि इस गाड़ी का इंजन 100 CC का है, 150 CC का है या 350 CC का है . दरअसल, इसके जरिए उस गाड़ी के इंजन की क्षमता को दर्शाया जाता है. बाइक या कार खरीदते समय यह बहुत से लोगों के लिए कंफ्यूजन का कारण बनता है. क्योंकि इसके कम ज्यादा होने पर वाहन के माइलेज और परफॉर्मेंस सहित कीमत पर भी पर असर पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसका मतलब क्या होता है और आपके लिए कितने CC की बाइक सही है.


क्या होता है CC?


CC का मतलब क्यूबिक कपैसिटी होता है. यह गाड़ियों के इंजन क्षमता के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टर्म है. इससे उस गाड़ी के इंजन की अधिकतम पावर आउटपुट का पता चलता है. इंजन के चैंबर के क्यूबिक सेंटीमीटर के माप को CC कहा जाता है. इंजन में जितने ज्यादा CC होंगे, उतनी ही ज्यादा पॉवर एक बार में जेनरेट होती है.  


परफॉर्मेंस पर पड़ता है असर 


क्यूबिक कपैसिटी (CC) का असर गाड़ी के परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है. साथ ही इंजन कितने फ्यूल की खपत करता है और कितनी पॉवर और टॉर्क उत्पन्न करता है, यह भी इंजन के CC पर निर्भर करता है. ज्यादातर बाइक्स में 90cc से 110cc का इंजन इस्तेमाल किया जाता है. ऐसी बाइक्स का आइटम रोजमर्रा की जरूरतों के लिए किया जाता है. वहीं, एक स्पोर्ट्स बाइक के लिए अधिक पॉवर वाले इंजन (350cc से 650cc के बीच) की जरूरत होती है.


कितने CC की बाइक सही?


किसी भी बाइक को चुनने से पहले आपको अपनी आवश्यकताओं को समझना होगा. अगर आप एक समतल मैदानी क्षेत्र में रहते हैं और आपको सामान्य इस्तेमाल के लिए एक बाइक चाहिए, तो आपका काम कम cc वाली बाइक में चल जायेगा. लेकिन, अगर आपको ज्यादा परफॉर्मेंस वाली एक बाइक या फिर आप पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, तब आपको एक दमदार इंजन और ज्यादा पावर वाली बाइक जरूरत होगी. ऐसे में आप ज्यादा cc वाली बाइक का चुनाव कर सकते हैं.


यह भी पढ़ें - क्या पानी का जहाज एक पहाड़ी को पार कर सकता है? जवाब 'हां' है, और ऐसा यहां होता है!