साल दुनियाभर में 19 जून को वर्ल्ड सिकल सेल डे के रूप में मनाया जाता है. ये एक रेड ब्लड सेल से जुड़ी बीमारी है, जो खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है. ये मुख्य रूप से लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करती है. इसमें बुरी तरह आरबीसी की कमी देखने को मिलती है, जिससे शरीर के अंगों को ठीक तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. इसके इतर क्या आपने कभी सोचा है कि यदि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन पूरी तरह खत्म हो जाए तो हमारे शरीर में दौड़ रहे खून का रंग लाल नहीं होगा, तो कैसा होगा? यदि नहीं तो चलिए आज इसी बारे में जानते हैं.
खून का रंग क्यों होता है लाल?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर खून का रंग लाल होता क्यों है? तो बता दें कि लाइवसाइंस के अनुसार, वास्तव में खून का असली रंग लाल ही होता है. शरीर के अंदर ये अलग-अलग रूप में अलग-अलग तरह से लाल बनता है. खून के लाल रंग का दिखने की असल वजह इसमें मौजूद हीमोग्लोबिन है. हीमोग्लोबिन का हर एक अणु आयरन के चार परमाणुओं से बना होता है, जो लाल रंग को रिफलेक्ट करता है. हीमोग्लोबिन ही फेफड़े से ऑक्सीजन को शरीर के हर अंग तक पहुंचाने का काम करता है. ये लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद होता है.
हालांकि खून के रंग का शेड बदलता रहता है. जब हीमोग्लोबिन फेफड़े में ऑक्सीजन को रोकता है तो इसका रंग चैरी की तरह गहरा लाल हो जाता है. ये रंग धमनियों और वहां से शरीर के अंगों तक पहुंचने के दौरान वैसा ही रहता है, लेकिन जब शरीर के सारे अंगों से चलकर नसों के जरिए दोबारा लंग्स में आता है तो इसका रंग बहुत ज्यादा गहरा लाल हो जाता है.
हीमोग्लोबिन न रहे तो खून का रंग कैसा दिखेगा?
अब सवाल ये उठता है कि खून को लाल दिखाने वाला हीमोग्लोबिन यदि किसी के शरीर से पूरी तरह खत्म हो जाए तो फिर खून का रंग कैसा नजर आएगा? तो बता दें जब किसी के शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी होने लगती है तो उसका रंग पीला नजर आने लगता है. उस व्यक्ति को एनिमिया की शिकायत बताई जाने लगती है. इसके अनुसार माना जा सकता है कि हीमोग्लोबिन यदि किसी के शरीर में पूरी तरह बनना बंद हो जाए तो उसका खून पीला नजर आने लगेगा.
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