लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को भारतीय थल सेना का अगला प्रमुख बनाया गया है. वह इस पोस्ट पर जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. गौरतलब है कि पिछले महीने मई में रिटायर होने वाले जनरल मनोज पांडे को रिटायरमेंट से छह दिन पहले एक महीने का एक्सटेंशन मिला था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आर्मी चीफ के पद से रिटायर होने वाले अफसरों को क्या-क्या सुविधा मिलती है. क्या रिटायरमेंट के बाद ये अधिकारी कहीं पर जॉब कर सकते हैं? आज हम आपको आर्मी चीफ के रिटारयरमेंट से जुड़े सभी जानकारी आपको देंगे. 


आर्मी चीफ 


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने वर्तमान में उपसेना प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 30 जून से अगले सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है. बता दें कि जनरल पांडे को पहले 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने पिछले महीने एक फैसला लेते हुए उनकी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था. लेकिन अब जब जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे, उसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी आर्मी चीफ का जिम्मा संभालेंगे.


रिटायरमेंट के बाद कर सकते हैं नौकरी?


अब सवाल ये है कि क्या कोई आर्मी चीफ या अन्य अधिकारी रिटायरमेंट के बाद नौकरी कर सकता है? जानकारी के मुताबिक कोई भी अधिकारी रिटायरमेंट के बाद अपने मन मुताबिक या बिजनस कर सकता है. इसके लिए उसके ऊपर कोई रोक नहीं है. इतना ही नहीं सरकारी विभागों में भी ये रिटायर अधिकारी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर अपनी सेवा दे सकते हैं. कई बार अलग-अलग सरकारी विभाग इन अधिकारियों को बुलाते भी हैं, क्योंकि इनके अनुभवों और जानकारी की जरूरत होती है. 


रिटायरमेंट के बाद मिलती हैं सुविधाएं


बता दें कि रिटायरमेंट के बाद सेना प्रमुख को आर्मी की तरफ से सभी सुविधाएं मिलती हैं. जिसमें आर्मी अस्पताल, आर्मी कैंटिन, पेंशन शामिल है. इसके अलावा रिटायर आर्मी प्रमुख को कई जगहों पर वरीयता भी दी जाती है. 
 


लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी


बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 15 दिसंबर 1984 को सेना में शामिल हुए थे. वहीं उन्होंने फरवरी 2024 से उप सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. उन्हें चीन सीमा के साथ-साथ पाकिस्तान की सीमा पर भी संचालन का बड़ा अनुभव है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित हो चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सैनिक स्कूल-रीवा, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज से ग्रैजुएट की डिग्री हासिल की है. जिसके बाद आर्मी वॉर कॉलेज में हाइयर कमान कोर्स और यूनाइटेड स्टेट आर्मी वॉर कॉलेज में नेशनल डिफेंस कॉलेज के कोर्स में भी भाग लिया है.


पाकिस्तान-चीन सीमा


लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को पाकिस्तान और चीन सीमा पर काम का लंबा अनुभव है. उन्होंने कश्मीर घाटी, भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सेक्टर, इंस्पेक्टरेट जनरल असम राइफल्स (आईजीएआर, पूर्व) में अपनी बटालियन की कमान संभाली. 


ये भी पढ़ें: राज्यसभा में कुल कितनी सीटें होती हैं, राज्यों के हिसाब से कैसे तय होती है इनकी संख्या?