Alcohol Fact: शराब पीने के बाद इंसान झूमने लगता है. शराब पीने के कुछ देर तक तो कुछ नहीं होता, लेकिन थोड़ी बाद ही पीने वाले शख्स की आवाज और व्यवहार में बदलाव होने लगता है. उसके थोड़ी देर बाद उसकी चाल में भी बदलाव आने लगता है और वो शरीर से कंट्रोल खोने लगता है. क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और क्यों शराब का थोड़ी देर बाद चढ़ना क्यों शुरू होता है? आइए आज जानते हैं कि शराब के शरीर में जाने पर क्या क्या बदलाव होता है और ये कैसे आपके शरीर पर असर दिखाती है?
शराब की पहली घूंट लेते ही शराब जब शरीर के अंदर जाती है तो बस तभी से शरीर पर इसका असर शुरू हो जाता है. शरीर में पहुंचने पर एल्कोहल सबसे पहले पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनाता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन लाता है. इसके बाद आंतें एल्कोहल सोखना शुरू करती हैं और उसके बाद ये विंग के जरिए लीवर तक पहुंचता है. लिवर के बहुत करीब होने के कारण इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि एल्कोहल पेट से सीधे लिवर में पहुंच जाता है.
दिमाग पर असर
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद लीवर अपना काम शुरू करते हुए बहुत सारे एल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को भी कम करने का काम करता है. लेकिन, जिन तत्वों को लीवर तोड़ नहीं पाता है वो तत्व सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में कुछ ही मिनटों में दिमाग पर शराब का असर होने लगता है.
तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव
शरीर में जाने के बाद एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी बहुत प्रभावित करता है. यह मस्तिस्क का तंत्रिका तंत्र से कनेक्शन तोड़ता है, जिसके बाद ये कोशिकाएं बहुत सुस्ती से काम करने लगती हैं. फिर मस्तिष्क अपने आप ही इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है. एल्कोहल मस्तिष्क के सेंटर पार्ट भी हमला करता है और व्यक्ति का खुद पर से कंट्रोल खोने लगता है. लंबे समय तक ऐसा चलने पर व्यक्ति की याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है.
लिवर पर पड़ता है बुरा असर
शराब पीने से लीवर पर काफी बुरा असर पड़ता है और लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है. खास बात ये है कि लीवर में दिक्कत होने का पता नही चलता ना ही दर्द होता है और शराबी को पता नहीं लगता है कि उसे क्या दिक्कत है. इसका पता तभी लग पाता है जब जांच के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं. इसलिए ज्यादा एल्कोहल पीने वाले लोगों को ऐसी जांच करवाते रहना चाहिए.
एसिडिटी की समस्या
शराब पीने से लिवर के साथ साथ पैंक्रियाज की कार्यप्रणाली खराब होने लगती है जिससे शराब पीने वाले व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या होने लगती है,
किडनी पर असर
शराब का बुरा असर किडनी पर भी पड़ता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने से दिमाग उस हार्मोन को प्रभावित करता है जो किडनियों को अधिक मात्रा में यूरिन बनाने से रोकता है. इसी वजह से शराब पीने पर बार-बार पेशाब के लिए जाने की जरूरत महसूस होती है. लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर किडनी खराब भी हो सकती है.
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