देश के अलग-अलग राज्यों में अक्सर पुलिस और सुरक्षाबलों की कार्रवाई में ड्रग्स जब्त होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ड्रग्स जब्त होने के बाद उसका क्या होता है. आज हम आपको बताएंगे कि किसी भी राज्य या सीमा पर ड्रग्स जब्त होने के बाद पुलिस उसका क्या करती है. जानिए सरकार ने ड्रग्स को डिस्पोज करने के लिए क्या नियम बनाए हैं. 


ड्रग्स जब्त 


बता दें कि असम पुलिस ने बीते रविवार को असम के कछार जिले में ड्रग्स एक बड़ी खेप के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि टीम ने कछार जिले के कटाखल इलाके में एक बड़ी ड्रग बरामदगी की है. जानकारी के मुताबिक जब्त ड्रग्स की कीमत 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने तस्करी की वस्तुओं को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक स्कूटर भी जब्त किया गया है. तस्कर ड्रग्स को मिजोरम के आइजोल लेकर जा रहा था. लेकिन अब सवाल ये है कि पुलिस द्वारा जब भी कहीं पर ड्रग्स जब्त किया जाता है, तो उसको कैसे नष्ट किया जाता है. 


वजानकारी के मुताबिक भारत समेत कही भी ड्रग्स जब्त करने पर सबसे पहले उसकी सैम्पलिंग की जाती है.वहीं एक तय मानकों के साथ उसकी फॉरेंसिक जांच होने के बाद उसे खत्म करने की तैयारी की जाती है. अब सवाल ये है कि पुलिस की कार्रवाई में जब्त होने वाले ड्रग्स को कैसे डिस्पोज किया जाता है? 


बता दें कि  इसके लिए 2015 में फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू की तरफ से ऑर्डर जारी किया किया गया था. यह ऑर्डर इसलिए जारी किया गया था, क्योंकि कई राज्यों में यह पाया गया था कि ड्रग्स को नष्ट करने की प्रक्रिया में मानकों का पालन नहीं किया जाता है. जानकारी के मुताबिक सभी राज्यों को भेजे गए ऑर्डर में साफतौर पर बताया गया था कि किसी भी मामले में ड्रग को डिस्पोज करने की कार्रवाई जल्द से जल्द करना अनिवार्य है. 


यह ऑर्डर ड्रग्स का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए भी जारी किया गया था. यह ऑर्डर इसलिए भी जारी किया गया था क्योंकि कई मामलों में देखा गया था कि ड्रग को जब्त करने इसमें से काफी मात्रा गायब हो जाती थी. या स्टोरहाउस से निकल जाता था. यही वजह थी कि ड्रग को जब्त करने के बाद इसका सैम्पल जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा जाता है और बाद में इसे नष्ट कर दिया जाता है. बता दें कि जब पुलिस ड्रग को जब्त करती है, तो सबसे पहले इसकी तस्वीरें लेकर  वीडियोग्राफी की जाती है. वहीं जब्ती के सबूत मजिस्ट्रेट के साथ सब्मिट किया जाता है और फिर इसकी जांच की जाती है. इसके बाद मजिस्ट्रेट के पास इसे नष्ट करने के ऑर्डर दिये जाते हैं.


कैसे नष्ट किया जाता है ड्रग?


बता दें कि ड्रग को नष्ट करने के लिए हर राज्य में इसकी एक कमेटी होती है, जिसका नाम ड्रग डिस्पोजल कमेटी होती है. यह कमेटी तय करती है कि ड्रग को कैसे नष्ट किया जाएगा. इसका फैसला लेने में कमेटी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के नियमों का पालन करती है. ड्रग डिस्पोजल कमेटी में एसपी, कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज का जॉइंट कमिश्नर और डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का जॉइंट डायरेक्ट शामिल होता है. इसके साथ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आधिकारी भी इसका हिस्सा होते हैं.


वहीं एक रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ड्रग को नष्ट तभी किया जाता है, जब ये एक निश्चित निर्धारित मात्रा में होता है. जैसे- हीरोइन की मात्रा 5 किलो, चरस 100 किलो, हशीश तेल 20 किलो, गांजा 1000 किलो और कोकीन 2 किलो तक होता है. वहीं ड्रग को नष्ट करने के लिए बॉयलर का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें 1000 डिग्री तापमान पर इसे जला दिया जाता है और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाता है. 


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