What If We End Mosquitoes: मच्छर एक मामूली लेकिन खतरनाक जीव है. इसके काटने ले मामूली बुखार से लेकर जानलेवा वायरस हो सकता है. पूरी दुनिया में मच्छरों की क़रीब 3500 प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से ज्यादातर मच्छर इंसानों को परेशान नहीं करते हैं. ये मच्छर पौधों और फलों के रस पर ज़िंदा रहते हैं. केवल छह प्रतिशत प्रजातियों की मादाएं अपने अंडों के विकास के लिए इंसानों का खून पीती हैं. इन मादा मच्छरों में से भी आधी ही अपने अंदर बीमारियों के वायरस लिए फिरती हैं.
यानी मच्छरों की कुल 100 नस्लें ही ऐसी हैं, जो इंसानों के लिए नुकसानदेह हैं. फिर भी अकेले भारत में एक साल में इन मच्छरों की वजह से 10 लाख लोगों की मौत हुई है. मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और यलो फ़ीवर की वजह से दुनिया में लाखों लोग मारे जाते हैं. आपने कभी सोचा है कि क्या होगा अगर दुनिया के सभी जानलेवा मच्छरों को खत्म कर दिया जाए? जानते है यह कैसे मुमकिन है और इसका क्या परिणाम होगा.
क्या मच्छरों को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है?
आमतौर पर मच्छरों को मारने के लिए केमिकल की मदद ली जाती है. लेकिन इन केमिकल्स से मच्छरों से ज्यादा इंसानों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. अब विज्ञान ने तरक़्क़ी कर ली है. बिना किसी केमिकल्स के मच्छरों की आबादी को खत्म किया जा सकता है. बल्कि, कुछ देशों में वैज्ञानिक तरीके से क्षेत्र के 90 प्रतिशत से ज्यादा मच्छरों की आबादी में गिरावट हासिल की है. इसमें नर मच्छरों के जीन में बदलाव कर के जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड मच्छर तैयार किए जाते हैं.
मच्छरों की नई पीढ़ी अपने बच्चे पैदा करने से पहले ही मर जाती है. पीढ़ी दर पीढ़ी मच्छरों को खत्म किया जाता है. ऐसे क़रीब तीस लाख मच्छरों को केमन द्वीपों पर 2009 से 2010 के बीच छोड़ा गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस प्रयोग से मच्छरों की आबादी 96 फीसदी तक घट गई थी. यह प्रयोग ब्राजिल में भी अच्छे आंकड़े दिखा रहा है.
क्या होगा अगर दुनिया से सारे मच्छर खत्म हो जाएं?
कुछ जीव वैज्ञानिक मानते हैं कि तीस तरह के मच्छरों का सर्वनाश करके दस लाख इंसानों की जान बचाई जा सकती हैं. इससे मच्छरों की केवल एक प्रतिशत नस्ल खत्म होगी. जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड मच्छर प्रयोग से भी अब तक कोई दुष्परिणाम नहीं दिखे हैं. हालांकि, व्यापक स्तर पर ऐसा करने से कई मुश्किलें हो सकती हैं. मच्छरों के पूरी तरह खत्म करने से कुदरती फूड चेन पर असर पड़ता है.
मच्छर जब पौधों का रस पीते हैं, तब इनके जरिए पौधों के पराग फैलता हैं. जिनकी वजह से फूलों का फल के तौर पर विकास होता है. मच्छर कई प्राणियों के लिये भोजन होते हैं. इनके लार्वा भी जल और थल दोनों के जीवों का आहार बनता है. मछली, मेंढक, पतंगा, चींटियां, छिपकली, चमगादड़ और कुछ अन्य कीट एवं जानवर भी मच्छरों को खाते हैं.
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी नस्ल के इस तरह खात्मे के सख्त खिलाफ हैं. उनका तर्क हैं जिस तरह इंसानों को ध्यान में रखकर खतरनाक मच्छरों का खात्मा किया जा रहा है. उसी तर्क से चले तो इंसान भी पूरी कुदरत के लिए खतरा है, तो उसका भी खात्मा किया जाए क्या?