क्या होता है लुकआउट नोटिस और किस अपराधी के लिए क्यों किया जाता है जारी?
भारत में फरार अपराधियों के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसका मतलब क्या होता है और कहां इसका उपयोग किया जाता है.
पश्चिम बंगाल में ईडी की टीम पर 5 जनवरी को हमला करने वाले मुख्य आरोपी शाहजहां शेख पर शनिवार को बड़ी कार्रवाई की गई. केंद्रीय जांच एजेंसी ने शाहजहां के लिए 6 जनवरी को लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है. सूत्रों के अनुसार जब ईडी की रेड हुई उस वक्त शाहजहां शेख अपने घर पर ही मौजूद था लेकिन ईडी टीम पर हमले के बाद से वो अपने परिवार के साथ फरार है.
देश में कई आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं लुकआउट नोटिस का मतलब क्या है और ये जारी कब किया जाता है. यदि नहीं तो चलिए आज जान लेते हैं.
क्या होता है लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस एक परिपत्र होता है जिसका उपयोग भारत में अधिकारियों द्वारा ये जांचने के लिए किया जाता है कि कोई यात्रा करने वाला व्यक्ति पुलिस द्वारा वांछित है या नहीं. आसान भाषा में समझें तो इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों या समुद्री बंदरगाहों जैसी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर यात्रा करने वाले व्यक्तियों की जांच में किया जाता है.
वहीं जब कोई अपराधी कानून की गिरफ्त से फरार हो जाता है तब लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है. लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर भी कहा जाता है. कई बार लुकआउट नोटिस उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है जिनके लिए कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों की तरफ से अनुरोध किया जाता है. भारत में लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जारी किया जाता है.
कौन जारी कर सकता है लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस यानी एलओसी किसी भी आरोपी (भारतीय या विदेशी) के खिलाफ जारी किया जा सकता है. कोई अपराधी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा है या अदालत में पेश होने से इनकार कर रहे है तो उसके लिए भी ये नोटिस जारी किया जा सकता है. इस नोटिस को अदालतों, सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित 15 प्राधिकरणों के आदेश पर जारी किया जा सकता है.
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