फ्लाइट में ज्यादा सफर करने वाले यात्री टर्बुलेंस शब्द से परिचित होंगे. आज यानी 21 मई के दिन सिंगापुर एयरलाइन्स की फ्लाइट म्यांमार के आसमान में एयर टर्बुलेंस में फंस गई. टर्बुलेंस में लगे झटकों के कारण 73 साल के ब्रिटिश पैसेंजर की मौत हो गई है, वहीं 30 अन्य यात्री घायल हैं. बता दें ये फ्लाइट लंदन से सिंगापुर जा रही थी. इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग टर्बुलेंस से जुड़े वीडियो देख रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि टर्बुलेंस क्या होता है और ये कितने प्रकार का होता है. 


क्या होता टर्बुलेंस ?


सबसे पहले ये जानते हैं कि टर्बुलेंस क्या होता है? बता दें कि जब उड़ान के दौरान विमान के पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है तो प्‍लेन में एयर टर्बुलेंस पैदा होता है. इस टर्बुलेंस के कारण विमान ऊपर नीचे होने लगता है. इससे यात्रियों को झटके लगने शुरू हो जाते हैं. अब दूसरा सवाल है कि टर्बुलेंस कितने प्रकार के होते हैं? जानकारी के मुताबिक विमानों को कम से कम सात तरह के टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है. वहीं ज्‍यादातर बार टर्बुलेंस मौसम से जुड़ा होता है. खराब मौसम में बिजली कड़कने और भारी बादल होने से भी विमान में टर्बुलेंस पैदा होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक में क्लियर एयर टर्बुलेंस, थर्मल टर्बुलेंस, टेम्पेरेचर इंवर्जन टर्बुलेंस, मेकनिकल टर्बुलेंस, फ्रंटल टर्बुलेंस, माउंटेन वेब टर्बुलेंस और थंडरस्टॉर्म टर्बुलेंस होते हैं. 


तापमान भी एक कारण


दुनियाभर में तापमान बढ़ने के साथ ही बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं. टर्बुलेंस को लेकर भी विशेषज्ञों का कहना है कि  धरती का तापमान बढ़ने के साथ ही विमानों में टर्बुलेंस की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में ब्रिटेन की रीडिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर रिसर्च किया है. उनके मुताबिक साफ हवा में होने वाले टर्बुलेंस के मामले बीते दशकों में ज्‍यादा बढ़े हैं. शोध में पाया गया है कि एक नॉर्थ अटलांटिक विमान मार्ग पर 1979 से 2020 के बीच के 41 साल में टर्बुलेंस के मामलों में 55 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 


यात्री खुद को कैसे रखें सुरक्षित 


एयर टर्बुलेंस आना एक बहुत सामान्य सी प्रकिया है. लेकिन इस दौरान यात्री खुद को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं. फ्लाइट में सफर के दौरान आपने गौर किया होगा कि कई बार फ्लाइट टेकऑफ के बाद यात्री सीट बेल्ट खोल देते हैं. वहीं जब अचानक टर्बुलेंस आता है तो यात्री इस दौरान अनियंत्रित होकर ऊपर की तरफ जाने लगते हैं. जिससे उन्हें चोट लगती है. बता दें कि पायलट सफर के दौरान हमेशा अपनी सीट बेल्ट लगाकर रखते हैं. इसलिए एयर टर्बलेंस में खुद को सुरक्षित रखने के लिए सीट बेल्ट लगाना एक अच्छा और सुरक्षित विकल्प है. 


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