Anti Smog Gun: एंटी स्मॉग गन क्या होती है, कैसे चलती है और कितनी इफेक्टिव है? यहां जानिए सबकुछ
स्मॉग गन को स्प्रे गन, धुंध गन या वाटर कैनन के नाम से भी जाना जाता है. एंटी स्मॉग गन धूल और प्रदूषण के दूसरे कणों को पानी के साथ बांधकर जमीन पर ले आती है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है.
Anti Smog Gun : पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि ठंड आने के साथ ही दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण भी बढ़ जाता है. इस बार भी ऐसा ही कुछ हो रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दिवाली से पहले ही दिल्ली एनसीआर की हवा जहरीली हो चुकी है और वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 के पार पहुंच चुका है. कहा जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर की हवा बहुत खराब में पहुंच जाएगी. इस वायु प्रदूषण के खतरे का समाधान करने के लिए दिल्ली सरकार कई स्तर पर तैयारियां कर रही है, जिनमें से एंटी स्मॉग गन का नाम भी सामने आ रहा है. आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि एंटी स्मॉग गन क्या है और ये कैसे काम करती हैं.
एंटी स्मॉग गन क्या है?
देश में सबसे पहले 2017 में एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल हुआ था. इसके बाद प्रदूषण रोकने के लिए कई प्रमुख जगहों पर इसका इस्तेमाल किया गया. एंटी स्मॉग गन को स्प्रे गन, धुंध गन या वाटर कैनन के नाम से भी जाना जाता है. एंटी स्मॉग गन एक इस तरह का उपकरण है, जो नेबुलाइज्ड पानी की बारीक बूंदों का हवा में छिड़काव करता है, जिससे धूल और प्रदूषण के छोटे-छोटे कण अवशोषित होने लगते हैं. लोडिंग वाहन में पीछे की तरफ लगी ये एंटी स्मॉग गन एक पानी के टैंक से जुड़ी रहती है. एंटी स्मॉग गन को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पानी को एक हाई-प्रेशर प्रोपेलर के जरिए 50 से 100 माइक्रोन की छोटी बूंदों वाले एक तेज बौछार में बदल देती है.
एंटी स्मॉग गन कैसे करती है काम?
एंटी स्मॉग गन धूल और प्रदूषण के दूसरे कणों को पानी के साथ बांधकर जमीन पर ले आती है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है. प्रदूषण रोकने में एंटी स्मॉग गन काफी प्रभावी तरीके से काम करती है. वायु प्रदूषण पर इसका असर बारिश की भांति होता है, जिससे प्रदूषक कण नीचे गिर जाते हैं. एंटी स्मॉग गन से पानी की बौछार करीब 150 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकती है और इससे एक मिनट में करीब 30 से 100 लीटर तक पानी का छिड़काव किया जा सकता है.
एंटी स्मॉग गन का काम
बड़े शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के अलावा एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल कुछ और कार्यों के लिए भी होता है. खनन, ग्राइंडिंग, कोयला और पत्थरों की घिसाई के दौरान उड़ने वाली धूल को कंट्रोल करने में एंट्री स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाता है. हाल ही में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा के अवैध ट्विन टावर ढहाए गए तो गिरने के बाद में उठे धूल के गुबार को कंट्रोल करने के लिए एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया था. एंटी स्मॉग गन अलग-अलग नोजल और प्रोपेलर के साथ डिजाइन होती हैं, जो इस्तेमाल के हिसाब से बदली जा सकती हैं.
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