यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को छुड़ाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए भारत सरकार ने रिहाई के संबंध में ब्लड मनी यानी मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. बता दें कि नर्स निमिषा प्रिया को ब्लड मनी के बदले छोड़ा जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ब्लड मनी क्या होता है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि यमन में ब्लड मनी का इस्तेमाल कब किया जाता है. 


ब्लड मनी 


बता दें कि यमन के संविधान में इस्लाम को राज्य धर्म घोषित किया गया है. यहां की कानून प्रणाली इस्लामी कानूनी सिद्धांतों पर आधारित है. हालांकि इस कानून में ब्लड मनी का जिक्र है. इस्लामिक कानून के मुताबिक अपराध के पीड़ितों को यह तय करने का अधिकार है कि अपराधी को कैसे दंडित किया जाना चाहिए. जानकारी के मुताबिक दंड देने का दो विकल्प है. पहला क़िसास होता है, क़िसास का मतलब मोटे तौर पर जान के बदले जान होता है. इसके मुताबिक हत्या के मामले में पीड़ित परिवार अपराधी को मौत देने की सजा चुन सकता है. और दूसरा दियाह होता है, इसे ब्लड मनी भी कहा जाता है. इसके मुताबिक मारे गए शख्स का परिवार दोषी के परिवार से एक रकम लेकर अपराधी को माफी दे सकता है. 


क्या है मामला ?


जानकारी के मुताबिक निमिषा एक दशक पहले अपने परिवार के साथ यमन गई थी. वहां उन्होंने यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ एक हॉस्पिटल शुरू किया था. लेकिन 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे. लेकिन काम की वजह से निमिषा वापस नहीं लौट सकी थी. हालांकि कुछ वक्त बाद तलाल और निमिषा के बीच विवाद शुरू हो गया था. इस दौरान तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट छीनकर अपने पास रख लिया था. इसके बाद जब निमिषा ने इसकी शिकायत वहां की अथॉरिटीज से की थी, तो तलाल ने उन्हें बताया कि वह निमिषा का पति है. जिसके बाद अथॉरिटीज ने फिर दखल नहीं दिया था.


यमन से लौटने के लिए निमिषा को पासपोर्ट की जरूरत थी. ऐसे में उसने जुलाई 2017 में तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन देकर पासपोर्ट वापिस हासिल करने का प्लान बनाया था. लेकिन इसमें तलाल की मौत हो गई थी. जिसके बाद निमिषा ने एक और शख्स की मदद से तलाल के शव को छिपा दिया. लेकिन कुछ दिनों बाद मामले का खुलासा हो गया था. इस केस में निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे सजा-ए-मौत सुनाई गई थी. वहीं उसके सहयोगी को ताउम्र जेल की सजा सुनाई गई है.


कितनी होगी ब्लड मनी 


भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त यमन के एक वकील  निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी और एक्शन काउंसिल के सदस्य सैमुअल जेरोम के साथ भारतीय दूतावास के दो अधिकारी 40,000 डॉलर देकर बातचीत और चर्चा का पहला दौर शुरू करेंगे. जानकारी के मुताबिक निमिषा की मां और सैमुअल जेरोम पिछले दो महीने से यमन में रह रहे हैं. स्टेट्समैन की रिपोर्ट के मुताबिक ब्लड मनी की राशी कितनी होगी, यह पहले दौर की बातचीत के बाद ही तय होगी. भारत सरकार लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है. 


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