Blue Hole: दुनिया रहस्यों और अद्भुत बनावट वाली चीजों से भरी हुई है. वैज्ञानिकों की खोज से समय-समय पर ऐसे रहस्यों से पर्दा उठता रहता है. ऐसा ही एक पर्दा हाल ही उठा है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने समुद्र की तलहटी में दुनिया के दूसरे सबसे गहरे Blue Hole की खोज की है. आपने भी आज तक शायद ब्लैक होल ही सुना होगा. बहुत से लोग तो यह जानते भी नहीं होंगे कि Blue hole होता क्या है. आइए जानते हैं आखिर ब्लू होल क्या होता है और इस नए ब्लू होल को लेकर वैज्ञानिकों ने क्या तथ्य पेश किए.


यहां मिला दूसरा Blue Hole


मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप के तट पर दुनिया का दूसरा सबसे गहरा ब्लू होल पाया गया है. वैज्ञानिकों की टीम ने हाल ही में इसकी खोज की है और इसकी गहराई 900 फीट तक बताई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह ब्लू होल करीब 1,47,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. 


क्या होता है ब्लू होल?


दरअसल, Blue Hole एक तरह की वर्टिकल गुफा होती है, जो पानी के नीचे मौजूद होती है. ब्लू होल की अपनी एक जैव विविधता होती है, जिसमें कई तरह की वनस्पतियां और समुद्री जीव रहते हैं. हाल ही में खोजे गए इस ब्लू होल को ‘Taam ja’ नाम दिया गया, मायान भाषा में इसका अर्थ 'गहरा पानी' होता है. इस होल में 80 डिग्री का ढलान (Slope) है. यह समुद्र की गहराई में 15 फीट पर है. इसपर फरवरी 2023 में में एक शोध भी प्रकाशित हुआ था. 

 


 


कैसे होता है निर्माण?


चूना पत्थर और समुद्र के खारे पानी के मिलने से ब्लू होल का निर्माण होता है. चूना पत्थर झरझरा होता है. जिस वजह से समुद्र का पानी चूने को अपने साथ घोल लेता है और इसमें प्रवेश कर जाता है. इस तरह वहां एक ब्लू होल का निर्माण हो जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हिमयुगों में कई ब्लू होल बने और करीब ग्यारह हजार साल पहले जब आखिरी हिमयुग समाप्त हुआ और समुद्र स्तर बढ़ा, तब ये गुफाएं पानी से भर गई. 


दुनिया का सबसे गहरा Blue Hole


दुनिया का सबसे गहरा ब्लू होल साल 2016 में पाया गया था. जो दक्षिण चीन सागर में था. इसे ड्रैगन होल (Dragon Hole) के नाम से जाना जाता है. इस होल को 980 फीट से भी ज्यादा गहरा बताया जाता है.


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