ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं. ज्वालामुखी से निकलने वाला गर्म लावा कितना खतरनाक और ज्वलनशील होता है, आप ये भी जानते हैं. लेकिन क्या आपने कोल्ड लावा के बारे में कभी सुना है? क्या ये ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा जैसा होता है? आज हम आपको बताएंगे कि कोल्ड लावा क्या होता है और ये कितना खतरनाक होता है. 


कोल्ड लावा 


कोल्ड लावा के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि आखिर इस वक्त सोशल मीडिया पर कोल्ड लावा का इतना जिक्र क्यों हो रहा है. दरअसल इंडोनेशिया में हुई बारिश ने तबाही मचा दी है. जिस कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों में कीचड़ के कारण हालात बिगड़ गए हैं. इतना ही नहीं स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक इस कीचड़ और बारिश के कारण अब तक इससे 43 से लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कोल्ड लावा के कारण 22 घर और 16 पुल तबाह हुए हैं. सरकार द्वारा लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 


क्या है कोल्ड लावा 


बता दें कि कोल्ड लावा को इंडोनेशिया में लहार के नाम से भी जाना जाता है. यह पानी, ज्वालामुखी की राख, चट्टान के टुकड़े और बर्फ के टुकड़ों का मिश्रण होता है. ये गीले कंक्रीट की तरह बहता है. कोल्ड लावा ज्यादातर नदी घाटियों में बहता है और तेज गति के साथ आगे बढ़ता है. यह खड़ी ढलानों पर 75-80 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक स्पीड से बढ़ता है.


युनाइटेड स्टेट्स जियोग्राफिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक कोल्ड लावा गीले कंक्रीट के घूमते हुए घोल जैसा दिखता है. यह लावा इमारतों, पुलों और सड़कों समेत अपने रास्ते में आने वाली लगभग किसी भी चीज़ को कुचल और दफना सकता है. वहीं यूएसजीएस के मुताबिक यह आमतौर पर ज्वालामुखी विस्फोट से जुड़ा होता है, लेकिन जब कोई विस्फोट नहीं होता है, तो भी कोल्ड लावा आ सकता है.


हालांकि कभी-कभी भारी बारिश या बर्फबारी ज्वालामुखी की राख को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती है. इस दौरान ये इसे एक घोल बना देती है. बता दें कि कोल्ड लावा को आमतौर पर तबाही मचाने वाले लावे के तौर पर जाना जाता है. यही कारण है कि यह कई बार पर्वतों से निकलने वाले लावे से भी ज्यादा खतरनाक रूप लेता है. 


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