भारत सरकार, साल 2025 में डिजिटल जनगणना कराने जा रही है. ये जनगणना साल 2011 में हुई जनगणना से अलग होगी. दरअसल, साल 2011 में जो जनगणना हुई थी, उसमें जनगणना अधिकारी लोगों के घरों में जा-जा कर परिवार के सदस्यों की जानकारी ले रहे थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. इस बार ये काम डिजिटल तरीके से किया जाएगा. चलिए आपको इस खबर में बताते हैं कि आखिर डिजिटल जनगणना कैसे होगी और इसमें लोगों की गिनती कैसे की जाएगी.


कैसे की जाएगी डिजिटल जनगणना


इसे लेकर मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही उसके मुताबिक, भारत के हर नागरिक के पास जो स्मार्टफोन इस्तेमाल करता है, एक फॉर्म आएगा जिसमें उन्हें सही जानकारी भरनी होगी. इसके बाद इस फॉर्म को भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय (ORGI) भेज दिया जाएगा. माना जा रहा है कि इससे ना सिर्फ आंकड़े जल्दी आ जाएंगे, बल्कि उनको फिल्टर करने में भी आसानी होगी.


जहां इंटरनेट नहीं है वहां क्या होगा


देश में अभी भी ऐसे कई गांव हैं जहां इंटरनेट या तो नहीं है या फिर बेहद स्लो है. इसके अलावा कई जगहों पर लोगों को स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना नहीं आता. अब सवाल उठता है कि फिर ऐसे लोग इस डिजिटल जनगणना में कैसे भाग लेंगे. सरकार ने अभी इस पर कुछ साफ नहीं किया है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ऐसी जगहों पर जहां इंटरनेट नहीं है या लोगों को स्मार्टफोन चलाना नहीं आता, वहां 2011 की ही तरह जनगणना में लगे अधिकारी जाएंगे और आंकड़े इकट्ठा करेंगे.


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2021 में ही होनी थी जनगणना 


आपको बता दें, आखिरी बार जनगणना भारत में साल 2011 में हुई थी. पहले जनगणना के लिए जो साल तय किया गया था वह 2021 था. लेकिन कोविड की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. लेकिन, अब डिजिटल जनगणना की घोषणा हो चुकी है और जल्द ही देश की अनुमानित 136 करोड़ आबादी का डेटा सरकार के पास इकट्ठा हो जाएगा. इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, सरकार इस डेटा को सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 मापक पैमानों पर सत्यापित और ऑडिट करेगी.


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