(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या है फॉसिल फ्यूल… आम जिंदगी पर कैसे डालेगा असर? COP28 में जमकर हो रही इसकी पैरवी
COP 28 Dubai: संयुक्त अरब अमीरात में COP28 देशों की मीटिंग चल रही है. वहां मौजूद अधिकारियों द्वारा फॉसिल फ्यूल की पैरवी की जा रही है कि इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए.
COP 28 Dubai: संयुक्त अरब अमीरात में COP28 देशों की मीटिंग चल रही है. COP28 का मतलब 28वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन है. इसे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) के रूप में भी जाना जाता है. यह सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक एक्सपो सिटी दुबई में आयोजित किया जा रहा है, जो अभी जारी है. इस बैठक में फॉसिल फ्यूल पर काफी चर्चा हो रही है. इसकी वहां मौजूद अधिकारियों द्वारा पैरवी की जा रही है कि इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए. आइए समझते हैं कि यह क्या है और आम आदमी पर यह कितना असर डाल सकता है.
क्या है फॉसिल फ्यूल?
कोयला, पेट्रोल, गैस ये सभी फॉसिल ईंधन के उदाहरण हैं, जो हमारी दुनिया के अंदर समाए हुए प्राचीन संसाधनों को बताते हैं. ये ऊर्जा स्रोत धरती के गहराई में बने हुए जैविक संसाधनों से उत्पन्न हुए हैं, जो लाखों वर्षों से बन रहे हैं. इन तत्वों का विकास जब हुआ, तो धरती पर विभिन्न प्रकार की बिक्रियाएं हुईं, जिनसे ये ईंधन बना. फॉसिल ईंधन का उपयोग हमारी समाज में ऊर्जा के स्रोत के रूप में होता है. ये ईंधन वाहन, इंडस्ट्री, ऊर्जा उत्पादन, और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग किया जाता है. इनमें से कोयला ऊर्जा उत्पादन में अधिक प्रयोग होता है, जबकि पेट्रोल और गैस वाहनों और उद्योगों के लिए अधिक उपयोग होता है.
यह जलवायु परिवर्तन का है कारण
फॉसिल ईंधन का उपयोग वास्तव में बहुत सी समस्याओं को भी उत्पन्न करता है. इनका उपयोग जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग की समस्याओं से जुड़ा होता है. फॉसिल ईंधन के उपयोग को देखते हुए हमें नई और सतत ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने की आवश्यकता है जो प्राकृतिक संसाधनों को बचाएं, पर्यावरण को सुरक्षित रखें, और भविष्य की सुरक्षा के लिए साथ में चलें.
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