गगनयान भारत सरकार और इसरो का वो प्रोजेक्ट है जिसकी मदद से भारत स्पेस टेक्नोलॉजी में उस मुकाम तक पहुंच जाएगा, जहां तक फिलहाल दुनिके सिर्फ गिने चुने देश पहुंचे हैं. सीधी भाषा में कहें तो चंद्रयान की सफलता के बाद पूरी दुनिया की नजर भारत के इस प्रोग्राम पर गड़ी हुई है. अगर ये मिशन भी सफल रहा तो भारत दुनिया की स्पेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ा प्लेयर बन कर उभरेगा. चलिए आज आपको बताते हैं कि 21 अक्टूबर को हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होने वाला गगनयान का क्रू-मॉड्यूल कितना बेहतरीन है.
गगनयान क्रू मॉड्यूल में सुविधाएं कैसी होंगी
आपको बता दें, इस गगनयान क्रू मॉड्यूल में ही बैठकर अंतरिक्षयात्री पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच कर धरती के चक्कर लगाने वाले हैं. जाहिर सी बात है अगर इसमें इंसान रहेंगे तो उनके लिए कुछ सुविधाएं भी होंगी. आपको बता दें गगनयान का क्रू मॉड्यूल इतना आधुनिक है कि आप सोच कर हैरान हो जाएंगे. इसमें कई तरह की खास सुविधाएं हैं. जैसे नेविगेशन सिस्टम, फूड हीटर, फूड स्टोरेज, हेल्थ सिस्टम और टॉयलेट आदि.
भारतीय वायुसेना का होगा इसमें अहम योगदान
गगनयान मिशन में इसरो के साथ इंडियन एयरफोर्स भी लगी है. इसके एक ग्रुप कैप्टन और तीन विंग कमांडर को इसके लिए तैयार किया जा रहा है. फिलहाल इन लोगों को बैंगलुरु में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जा रही है. आपको बता दें, इसरो फिलहाल गगनयान के क्रू मॉड्यूल का हाई-अल्टीट्यूड ड्रॉप टेस्ट करवा रहा है. इसके साथ कुछ ऐसे भी टेस्ट किए जा रहे हैं, जिसमें क्रू एस्केप सिस्टम रॉकेट से अलग होकर 2 किमी दूर जाकर गिरेगा. इसरो का कहना है कि सबसे पहले उन्होंने ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण अगस्त में किया था.
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