अगर आप गजल सुनते होंगे तो आपने मशहूर कव्वाल नुसरत फतेह अली खान की मशहूर गजल 'तुम एक गोरख धंधा हो' जरूर सुनी होगी. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गोरख धंधे का मतलब क्या होता है? क्या गोरखपुर में होने वाले धंधे को गोरख धंधा कहा जाता है. अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आपको बता दें कि नहीं ऐसा नहीं है. क्या है फिर गोरख धंधाे के पीछे की कहानी. अगर आप खबरों को फॉलो करते होंगे. तो आपने कभी न कभी सुना होगा कि गोरख धंधा करते हुए पकड़े गए चार लोग. गोरख धंधे में फंसे यह चार अपराधी. तो आप सोचते होंगे गोरख धंधा कोई बुरा कारोबार होता होगा. जो उसे करने वाले पकड़े जाते हैं, अपराधी कहलाते हैं. इसीलिए आज हम आपको बताते हैं कि गोरख धंधा शब्द कहां से आया और उसका क्या होता है उसका मतलब. चलिए जानते हैं इस खबर में गोरख धंधे का असली मतलब क्या होता है.
गोरखधंधा शब्द का मतलब
गोरख धंधा शब्द का मतलब आज के समय में धोखाधड़ी छल कपट, चोरी छुपे बुरे कामों के लिए किया जाता है. लेकिन गोरख धंधा शब्द का सबसे पहले जो उपयोग मिलता है वह जैनेंद्र कुमार की किताब निबंधों की दुनिया में मिलता है और ओशो की लिखी किताबों में मिलता है. उन किताबों में इस बात का जिक्र था कि जो साधु महात्मा थे. उन्होंने साधना के लिए सत्य को तलाशने के लिए इतनी व्यवस्थाएं देख ली कि वह इस चीज में भ्रमित हो गए कि क्या करें और क्या ना करें. उनकी इस मनोस्थिति को गोरख धंधा कहा जाने लगा. आसान शब्दों में कहें तो गैर कानूनी या अवैध कार्यों के लिए इसका इस्तोमाल किया करते हैं.
हरियाणा में बैन है ये शब्द
साल 2021 में हरियाणा सरकार ने गोरख धंधा शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इसके पीछे हरियाणा सरकार ने तर्क दिया कि यह शब्द अनैतिक प्रथाओं के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया. उनका कहना था कि गोरखनाथ एक पवित्र संत रहे हैं और उनके नाम का इस्तेमाल नेगेटिव तरीके से किया जाए वह सही नहीं है.
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