Indian Railway: भारतीय रेलवे ने अपनी रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन में एक महत्वपूर्ण और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उत्तर पूर्व रेलवे के सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य में भारतीय रेल का 100 प्रतिशत ब्रॉड गेज नेटवर्क इलेक्ट्रिफाई हो गया है. इसकी जानकारी बुधवार को रेल मंत्रालय ने दी. रेल मंत्रालय ने कहा कि रेल रूट के इलेक्ट्रिफाई होने से उत्तर प्रदेश में रेल यातायात बेहतर होने के साथ ही ट्रेनों की स्पीड में भी सुधार होगा. इससे यात्री समय से अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे.


भारतीय रेल के 6 जोन हुए इलेक्ट्रिफाई


वर्तमान समय में भारतीय रेल में 18 जोन हैं. जिसमें से उत्तर पूर्व रेलवे के सुभागपुर-पछपेरवा रेल सेक्शन पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के साथ ही 6 रेल जोन, उत्तर पूर्व रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और पश्चिम मध्य पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई हो चुके हैं. इनमें उत्तर पूर्व रेलवे सबसे नया है. इसके अलावा, झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी रेल सेक्शन को भी पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई किया जा चुका है, जो पूरे रेल नेटवर्क के सबसे व्यस्त रेल सेक्शन में से एक है.


2030 तक पूरी तरह से बन जायेगा ग्रीन रेलवे


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 (Budget 2023) की घोषणाओं दौरान बताया था कि रेलवे को भी 2.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने लिए गए हैं. अपने भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने ग्रीन रेलवे (Green Railway) का भी जिक्र किया था. यहां ग्रीन का मतलब हरित ऊर्जा यानी ग्रीन एनर्जी (हाइड्रोजन) से है. इस तरह ग्रीन रेलवे का मतलब हाइड्रोजन ट्रेनों से है. वित्त मंत्री ने बजट घोषणा के दौरान यह भी कहा था कि भारतीय रेलवे जल्द ही विश्व का सौ फीसदी ग्रीन रेलवे बन जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि भारतीय रेलवे साल 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पा कर दुनिया में नंबर वन बन जाएगा.


क्या होती है ग्रीन रेल या हाइड्रोजन ट्रेन


हाईड्रोजन ट्रेन वो ट्रेन होती है, जो हाइड्रोजन से चलती हैं. इन ट्रेनों में बिजली और डीजल की बचत होती है. हाईड्रोजन ट्रेन में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने से बनी ऊर्जा से ट्रेन को चलाया जाता है. इन ट्रेनों को लंबी दूरी के लिए तैनात किया जा सकता है, इन ट्रेनों से प्रदूषण न के बराबर होता है. ये 15 मिनट से भी कम समय में 140 किमी/घंटा की अधिकतम स्पीड पकड़ सकती हैं. इन ट्रेनों में आवाज नहीं होती है. इसलिए ये काफी आरामदायक भी होती हैं.


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