क्या होती है गट फीलिंग, वाकई आपके पेट में भी होता है एक दिमाग?
गट फीलिंग को हमारा सिक्स्थ सेंस कहा जाता है. यह हमारे अनुभवों और यादों के आधार पर आने वाला अहसास होता है. जब हमें किसी चीज के बारे में पहले से ही आभास हो जाता है, तो यह गट फीलिंग होती है.
What Is Gut Fellings: आपने अपनी डेली लाइफ में गट फीलिंग के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी गट फीलिंग को अनुभव किया है? उदाहरण के लिए इंडिया और पाकिस्तान का मैच चल रहा है और आपको अचानक लगने लगता है कि आज कुछ भी हो जाए इंडिया ही जीतेगी... इसको एक और उदाहरण से समझते हैं... मान लीजिए आप किसी काम से बाहर जा रहे हैं और आपको बेवजह ही ऐसा लगने लगता है कि वह काम आज होने नहीं वाला. हालांकि, इस अहसास के पीछे कोई खास कारण. बहरहाल, आज हम गट फीलिंग और उससे संबंधित बातों के बारे में जानेंगे.
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गट फीलिंग क्या है?
गट फीलिंग को हमारा सिक्स्थ सेंस कहा जाता है. यह हमारे अनुभवों और यादों के आधार पर आने वाला अहसास होता है. जब हमें किसी चीज के बारे में पहले से ही आभास हो जाता है, तो यह गट फीलिंग होती है. इसे इंट्यूशन भी कहा जाता है. गट फीलिंग आमतौर पर तब आती है, जब हमने पहले से उसी तरह का अनुभव लिया हो या वह मुद्दा हमें उसी तरह की किसी और बात की याद दिलाता हो.
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आपके पेट में भी होता है एक दिमाग?
दरअसल गट फीलिंग का कनेक्शन पेट में मौजूद एंटरिक नर्वस सिस्टम (ENS) से माना जाता है. वहीं, इसको अकसर शरीर का "दूसरा मस्तिष्क" कहा जाता है. यह पाचन तंत्र की दीवारों में होता है और यह मस्तिष्क के समान ही रसायनों और कोशिकाओं का इस्तेमाल करता है. यह पाचन में मदद करता है और गड़बड़ी होने पर मस्तिष्क को सचेत करता है. पेट और दिमाग के बीच का संबंध गट-ब्रेन एक्सिस के जरिए होता है. पेट और दिमाग के बीच संचार एंडोक्राइन पाथवे, न्यूरो पाथवे, और इम्यून पाथवे के माध्यम से होता है.
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