क्या होता है IED, जिसका नक्सली घातक हमले के लिए करते हैं इस्तेमाल
देश में नक्सली/आतंकवादी अक्सर आईईडी के जरिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईईडी क्या होता है और ये कितना खतरनाक होता है. जानिए आंतकी कैसे करते हैं इसका इस्तेमाल।
आपने खबरों में सुना होगा कि नक्सली और आतंकी आईईडी ब्लास्ट करके अक्सर भारतीय सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में भी नक्सलियों ने बीते सोमवार को आईईडी ब्लास्ट से जवानों से सवार गाड़ी को उड़ा दिया था. इस नक्सली हमले में 9 जवान शहीद हो गये थे, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आईडी क्या होता है, जिसका नक्सली और आतंकी इस्तेमाल करते हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
नक्सली करते हैं आईईडी का इस्तेमाल
नक्सली अक्सर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी का इस्तेमाल करते हैं. बीते सोमवार को भी नक्सलियों ने बीजापुर में जवानों से भरी गाड़ी को निशाना बनाया था. जिसमें 9 जवान शहीद हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये विस्फोटक क्या होता है, जिसका नक्सली इस्तेमाल करते हैं. आज हम आपको इस विस्फोटक के बारे में बताएंगे.
IED एक खतरनाक बम
बता दें कि IED एक तरह का बम ही होता है. हालांकि यह सेना के बमों से अलग होता है. बता दें कि आतंकवादी IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विस्फोट करने और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं. बता दें कि IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इस बम का इस्तेमाल खासकर आतंकी सड़क के किनारे IED को लगाते समय करते हैं. जिससे इस पर पांव पड़ते या गाड़ी का पहिया चढ़ते ही ब्लास्ट हो जाता है.
आईईडी से कैसे करते हैं विस्फोट
IED को ट्रिगर करने के लिए आतंकवादी रिमोट कंट्रोल, इंफ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स, प्रेशर-सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं कई बार इन्हें सड़क के किनारे तार की मदद से बिछाया जाता है. बता दें कि भारत में आतंकवादी और नक्स्ली अक्सर IED ब्लास्ट के जरिए सुरक्षबलों को नुकसान पहुंचाते हैं.
पुलवामा हमला में आईईडी का इस्तेमाल
देश में अक्सर आतंकवादी सुरक्षाबलों को निशाना बनात हैं. लेकिन आपको याद होगा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने Improvised Explosive Device यानी IED ब्लास्ट के जरिये अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था. 14 फरवरी 2019 के दिन आतंकियों ने आईईडी के जरिए सेना के काफिले पर हमला किया था, जिसमें देश के 40 जवान शहीद हुए थे. आतंकी अक्सर इस खतरनाक और विस्फोटक का इस्तेमाल करते हैं.
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