Inheritance Tax in India: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने हाल ही में अमेरिका के शिकागो में विरासत कर की पैरवी करते हुए ऐसे ही कानून को भारत में लाने की वकालत की है. जिसके बाद ये चर्चाओं का विषय बन गया है. ऐसे में ज्यादातर लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ये कानून होता क्या है. तो चलिए आज जान लेते हैं.


क्या होता है विरासत टैक्स?


बता दें कि कई देशों में विरासत में मिली जो संपत्ति होती है उसपर कर लगाया जाता है. जिसे विरासत कर (Inheritance Tax) कहा जाता है. ये टैक्स उस व्यक्ति को देना होता है जिसे वो संपत्ति मिली है.


संपत्ति कर से अलग है विरासत कर


यदि आप संपत्ति कर और विरासत कर को एक ही मान रहे हैं तो बता दें कि ये दोनों अलग-अलग हैं. जहां एस्‍टेट टैक्‍स संपत्ति के बंटवारे से पहले ही उस संपत्ति पर लगाया जाता है. वहीं विरासत टैक्‍स सीधे उन लोगों पर लगता है जिन्हें विरासत में संपत्ति मिलती है.


अमेरिका की सरकार बड़ी संपत्ति पर सीधे एस्‍टेट टैक्‍स लगाती है. लेकिन अगर इस संपत्ति से कोई कमाई होती है तो उस पर अलग से इनकम टैक्‍स भी लगता है.


क्या दी विरासत टैक्स की परिभाषा


इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने शिकागो में विरासत टैक्स की परिभाषा देते हुए कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है. यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वो मर जाता है तो वो व्यक्ति केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है.


उन्होंने आगे बताया, 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. ये एक दिलचस्प कानून है. जो कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी. ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है


सैम ने आगे बताया, हालांकि भारत में आपके पास ऐसा नहीं है. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता... इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी. मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के रीडिस्ट्रीब्यूशन के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में.


यह भी पढ़ें: थकान का संकेत होती है अंगड़ाई और जम्हाई या देती है आराम? जानिए क्या कहता है साइंस