शरीर में क्या होता है इंसुलिन का काम? जानिए शरीर में कब और कहां बनता है?
इंसुलिन को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के बीच उठापटक जारी है. इस बीच चलिए जानते हैं कि आख़िर इंसुलिन है क्या और ये शरीर में बनता कैसे है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फ़िलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. इस बीच उनका कहना है कि डायबिटीज़ के रोगी होने के कारण वो जेल प्रशासन से रोज़ इंसुलिन की मांग कर रहे थे. उनका कहना है कि जेल प्रशासन राजनीतिक दवाब में आकर उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार झूठ बोल रहा है.
सीएम केजरीवाल ने एम्स के डॉक्टरों द्वारा किए गए उस दावे को भी ख़ारिज कर दिया है, जिसमें उनका स्वास्थ्य ठीक होने की बात कहकर चिंता की कोई बात नहीं बताई गई थी. इन सभी उठापटक के बीच चलिए जानते हैं कि आख़िर इंसुलिन है क्या और डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ये क्यों ज़रूरी होता है.
क्या है इंसुलिन?
सबसे पहले ये बता देते हैं कि आख़िर इंसुलिन होता क्या है. दरअसल ये एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो प्राकृतिक रूप से शरीर में बनता है. इंसूलिन ब्लड में ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करता है. अमूमन लोग इंसूलिन को डायबिटीज़ के कारण जानते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो यदि इंसान के शरीर में इंसुलीन का सही से उत्पादन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति डायबिटीज का पेशेंट बन जाता है.
शरीर में ये काम करता है इंसुलिन
इंसुलिन व्यक्ति के शरीर में रक्त के अंदर शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है. इस सहेजे गए ब्लड का इस्तेमाल शरीर ज़रूरत पड़ने पर ख़ुद कर लेता है. साथ ही इंसुलिन शरीर की हर रक्त कोशिकाओं तक खून पहुंचनाने का काम भी करता है. यदि इस प्रोसेस में कोई परेशानी होती है तो व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है.
शरीर में इस जगह बनता है इंसुलिन
इंसुलिन का निर्माण शरीर में अग्नाशय यानी पैनक्रियाज में होता है. कार्यक्षमता के आधार पर देखें तो ये कई प्रकार का होता है. वहीं खाना खाने के बाद जब शरीर में शुगर और ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है तो उस समय उस बढ़ी हुई शुगर नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का स्त्राव होता है.
सवाल ये उठता है कि जब कोई व्यक्ति शुगर का पेशेंट होता है तो किस स्थिति में उसे इंसुलिन की ज़रूरत पड़ती है. तो बता दें कि जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज़ होती है उनके पैनक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं नष्ट होने के कारण इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है. इसके अलावा जिन लोगों को टाइप-2 डायबिटीज होती है, उनके शरीर में इंसुलिन बनता तो है लेकिन ये प्रभावी नहीं होता. इस स्थिति में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की जरूरत महसूस होती है..
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