Odisha Train Accident: क्या है कवच सिस्टम? जिसे लेकर कहा जा रहा कि ये होता तो बालासोर एक्सीडेंट टल जाता
Kavach System: कवच एक ऐसा सिस्टम है जिसे हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है, इसके साथ ही इसे ट्रेन, ट्रैक और रेलवे सिग्नल सिस्टम में भी इंस्टॉल किया जाता है.
Kavach System: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में अब तक 233 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी और लगभग 900 से ज्यादा लोगो गंभीर रूप से घायल हो गए. इस ट्रेन हादसे ने एक बार फिर से रेलवे की तकनीक और रेल मंत्रालय के उन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन्हें लेकर वो अपनी पीठ थपथपाती है.
दरअसल, अभी कुछ महीने पहले ही देश के रेल मंत्रालय ने कहा था कि वह एक ऐसा सिस्टम लाने जा रहा है जिससे रेल हादसे रुक जाएंगे. इस सिस्टम को कवच सिस्टम कहा जाता है, जिसका पूरा नाम है ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (Train Collision Avoidance System). बालासोर हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लोग तमाम पोस्ट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर इन ट्रेनों में कवच सिस्टम लगा होता तो ये एक्सीडेंट होता ही नहीं.
क्या है ये कवच सिस्टम?
कवच भारतीय रेलवे का स्वचालित सुरक्षा प्रणाली सिस्टम है, जिसके जरिए रेलवे ट्रेन हादसों को रोकने का प्लान बना रही है. दरअसल, कवच लोकोमोटिव में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की एक ऐसी प्रणाली है जो रेलवे के सिग्नल सिस्टम के साथ साथ पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनों की स्पीड को भी नियंत्रित करती है. इसी के जरिए रेल हादसों पर लगाम लगाने की बात कही जा रही है. कोरोमंडल ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे अधिकारियों की ओर से कहा जा रहा है कि इस ट्रेन में कवच सिस्टम इंस्टॉल नहीं था. यानी अगर इस ट्रेन में ये सिस्टम इंस्टॉल होता तो शायद यह एक्सीडेंट नहीं होता.
कैसे काम करता है कवच सिस्टम
कवच एक ऐसा सिस्टम है जिसे हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है, इसके साथ ही इसे ट्रेन, ट्रैक और रेलवे सिग्नल सिस्टम में भी इंस्टॉल किया जाता है. यह पूरा सिस्टम एक दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए कम्युनिकेट करता है.
साफ शब्दों में इसे ऐसे समझिए कि जब किसी वजह से लोकोपायलट रेलवे सिग्नल को जंप करता है तो यह कवच सिस्टम एक्टिव हो जाता है. एक्टिव होते ही कवच सिस्टम लोकोपायलट को अलर्ट करता है और फिर ट्रेन के ब्रेक्स को कंट्रोल करने लगता है. इसके साथ ही कवच सिस्टम को अगर पता चल जाता है कि एक ही पटरी पर दूसरी ट्रेन भी आ रही है तो वह दूसरी ट्रेन को अलर्ट भेजता है और दूसरी ट्रेन एक निश्चित दूरी पर आकर खुद रुक जाती है.
अब तक कितने ट्रेनों में इंस्टॉल है कवच सिस्टम
23 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि आने वाले समय में कवच सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से इंस्टॉल किया जाएगा. कवच सिस्टम को अब तक साउथ सेंट्रल रेलवे के 1445 किलोमीटर रूट के साथ साथ 77 ट्रेनों में जोड़ा गया है. इसके अलावा दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर भी इसे इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है.