(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कितना खतरनाक हो सकता है ला नीना, जानें कहां करा सकता है लैंडस्लाइड और कहां लाएगा बाढ़?
ला नीना के चलते इस साल भीषण बारिश और ठंड की संभावना जताई जा रही है, चलिए जानते हैं कि ये होता क्या है और इससे मौसम कैसे प्रभावित होते हैं.
What Is La Nina: भारत के कई इलाके बाढ़ से तो कई लैंडस्लाइड से परेशान हैं. इस साल मई महीने में ही इस बात की संभावना जता दी गई थी कि इस साल कई इलाकों में भारी बारिश होगी तो वहीं इस साल ठंड भी जोरदार पड़ेगी. साल के शुरुआती महीनों में ही अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने ये अनुमान लगाया था कि मौसम में ये परिवर्तन ला नीना की वजह से देखने को मिलेंगे. अब आपके मन में सवाल ये उठ रहा होगा कि आखिर ये ला नीना है क्या जिसकी वजह से लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी स्थिति तक देखने को मिल रही है और ये कितना खतरनाक हो सकता है? चलिए जानते हैं.
क्या होता है ला नीना?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये ला नीना होता क्या है? पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर जो स्थिति बनती है, वही ला नीना कहलाती है. इससे समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है. इसका सीधा असर दुनियाभर के तापमान पर पड़ता है. वहीं ये शब्द स्पेनिश भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है एक छोटी बच्ची. ला नीनो का असल लगभद दो से सात सालों में देखने को मिलता है जो 9 महीनों से लेकर पूरे साल भी चल सकता है.
ला नीना कैसे मौसम को करता है प्रभावित?
भारत में अल नीना की बात करें तो ये बहुत ज्यादा गर्मी और कमजोर मॉनसून की वजह बनता है. इसके अलावा ला नीना की बात करें तो इसमें औसत से ज्यादा बारिश और ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना बनी रहती है. इस साल भारत में भी मौसम विभाग द्वारा ला नीना के विकसित होने की पूरी संभावना जताई गई है. इसके चलते मौसम पर खासा प्रभाव पड़ता है. जहां बारिश ज्यादा होती है तो लैंडस्लाइड जैसी घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. वहीं इसकी वजह से इस साल ठंड बढ़ने की संभावना भी जताई गई है.
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