Mob Lynching: देश में पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हुईं, जिसमें भीड़ ने किसी एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इन घटनाओं को देखते हुए नए क्रिमिनल लॉ में इस जुर्म के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया. इसके अलावा अब राजधानी दिल्ली में मॉब लिंचिंग को लेकर नई पॉलिसी को मंजूरी मिली है, जिसमें मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही गई है. आज हम आपको मॉब लिंचिंग के बारे में बताएंगे कि आखिर ये शब्द कहां से आया और इसका क्या मतलब होता है?


क्या होती है मॉब लिंचिंग?
अब अगर मॉब लिंचिंग को आसान भाषा में समझें तो ये तब होता है जब कुछ लोग अपने हाथों में कानून को लेकर फैसला कर देते हैं. यानी अगर किसी शख्स पर चोरी या फिर दुष्कर्म का आरोप है तो कुछ लोगों की भीड़ उसे बीच सड़क मौत के घाट उतार देती है. गो तस्करी, बच्चा चोरी और ऐसे ही कई मामलों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हमने पिछले कुछ सालों में देखीं. इसमें लोगों की भीड़ तब तक आरोपी शख्स को पीटती रहती है, जब तक उसकी जान नहीं चली जाती. कई मामलों में तो आरोपी को सिर्फ शक की वजह से मार दिया जाता है. 


कहां से आया मॉब लिंचिंग शब्द?
मॉब और लिंचिंग दोनों ही अंग्रेजी के शब्द हैं. मॉब का मतलब भीड़ से होता है, किसी एक जगह पर इकट्ठा हुए लोगों को मॉब कह सकते हैं. अब अगर लिंचिंग की बात करें तो बिना किसी कानूनी ट्रायल के किसी शख्स को अगर मौत की सजा दे दी जाती है तो उसे लिंचिंग कहा जाता है. लिंचिंग शब्द दक्षिण कैरोलिना के लिंच से लिया गया है, यहां पर लोग किसी एक मुद्दे के लिए जमा होते थे, लेकिन इसके बाद भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी. कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें लोगों की जान गई. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि लिंचिंग शब्द अमेरिका से आया है.