Mosquito Repellent Liquid: मच्छरों से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बहुत-सी घातक बीमारियां फैलती हैं. इसके साथ ही ये कानों के पास भिनभिना कर और बार-बार हमें काटकर तंग भी करते रहते हैं. इसीलिए इनको मारने वाले उत्पाद लगभग सभी घरों में देखे जा सकते हैं. पुराने समय में मच्छरों को भगाने के लिए नीम आदि की पत्तियों से धुआं कर दिया जाता था. इसके अलावा, मच्छर मारने या भगाने के लिए बाजार में कॉइल, क्रीम, लिक्विड और स्प्रे जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं. मच्छर भगाने वाली युक्तियों में आजकल सबसे ज्यादा प्रचलित है बिजली की मशीन, इसमें एक रिफिल के अंदर मच्छरों को मारने वाला लिक्विड भरा होता है. आइए जानते हैं ये लिक्विड क्या है और किन चीजों से बना होता है?


96% से अधिक होता है मिट्टी तेल


आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि मच्छर भगाने वाली बिजली की मशीन के रिफिल के लिक्विड पदार्थ में 96.4% मिट्टी का तेल होता है. अब सवाल यह है कि मिट्टी का तेल तो काफी सस्ता होता है, फिर ये लिक्विड इतना महंगा क्यों मिलता हैं? दरअसल, इस लिक्विड में मिट्टी के तेल के अलावा कई और महंगे केमिकल भी होते हैं. जिस वजह से यह महंगा हो जाता है. आइए जानते हैं, इसमें कौन-कौन से पदार्थ होते हैं.


मच्छर मरने वाले लिक्विड में होते हैं ये पदार्थ


इसमें सबसे अधिक मात्रा में सुगंधित मिट्टी का तेल, जोकि पूरे लिक्विड के आयतन का करीब 96.4% होता है. मिट्टी के तेल के बाद इसमें ट्रांसफ़्लुथ्रिन नामक कीटनाशक होता है. जोकि लिक्विड का लगभग 1.6% होता है. इसके अलावा इसमें 1.0% ब्यूटेट हाइड्रॉक्सिलोलिन भी होता है और आखिर में इस लिक्विड में बेंज़िल एसिटल, सिट्रोनेलोल और डाइमिथाइल ऑक्टैडिलीन आदि पदार्थ मिले होते हैं. ये इसके आयतन के कुल 1.0% हिस्से में होते हैं.


रॉड से वाष्पीकृत होकर करता है मच्छरों का खात्मा


इन सभी रसायनों को एक साथ मिला दिया जाता है, ताकि ताप मिलने पर इन्हें आसानी से वाष्पीकृत किया जा सके. जब मशीन को बिजली के सॉकेट में लगाकर चालू किया जाता है तो लिक्विड में पड़ी रॉड गरम होकर धीरे-धीरे इसे वाष्पीकृत करती है. जिसके बाद यह पूरे कमरे में फैल कर मच्छरों का खात्मा करता है.


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