दुनिया साल 2022 को अलविदा कहने जा रही है. इस साल समय-समय पर भारत में कई मुद्दे चर्चा में रहे और लोगों ने इंटरनेट पर उन मुद्दों के बारे में जानने की कोशिश की. हाल ही में आई गूगल ट्रेंड्स की रिपोर्ट में पता चला है कि इस साल भारत में लोगों ने सबसे ज्यादा क्या सर्च किया. इस रिपोर्ट में ही सामने आया है कि भारत के लोगों ने इस साल एक मायोसाइटिस नाम की बीमारी के बारे में भी काफी सर्च किया है. तो ऐसे में सवाल है कि आखिर लोगों ने किस वजह से गूगल पर यह सर्च किया. इसके अलावा सवाल ये है कि आखिर ये बीमारी कितनी खतरनाक है और जब किसी को ये बीमारी हो जाता है तो उसे क्या होता है यानी बीमारी के लक्षण और प्रभाव क्या है. 


क्यों चर्चा में आया मायोसाइटिस?


सवाल है कि आखिर लोगों ने इस साल मायोसाइटिस के बारे में खोजना क्यों शुरू किया और ऐसा करने के पीछे क्या कारण है. दरअसल, इस साल एक्ट्रेस समांथा रुथ प्रभु ने इस बीमारी के बारे में जिक्र किया था और उन्होंने खुलासा किया था कि वो खुद इस बीमारी का सामना कर रही हैं. एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बीमारी मायोसाइटिस के बारे में बताया था. उनकी ओर से इस बीमारी के बारे में बताने के बाद से लोग इसके बारे में सर्च कर रहे हैं कि आखिर ये बीमारी क्या है, इस बीमारी में क्या होता है और इसका इलाज संभव है या नहीं. 


क्या होता है मायोसाइटिस?


मायोसाइटिस मसल्स में सूजन या जलन होने की वजह से होता है. इंडियन जर्नल ऑफ रुमेटोलॉजी के अनुसार, दुनिया में एक लाख में से सिर्फ 4-20 लोगों के यह दिक्कत होती है. वैसे इस बीमारी के होने के कारण बहुत कम स्थितियों में ही पता चल पाते हैं. अगर इस बीमारी में होने वाली दिक्कत की बात करें तो इसमें मसल्स में दर्द, सूजन रहती है और कोई भी चीज निगलने में दिक्कत होती है और कई लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है. आम तौर पर इसका असर कंधों, पांव, हिप्स, आर्म्स, पेट और स्पाइनल मसल्स में होता है. जब इसकी दिक्कत ज्यादा हो जाती है तो यह फूड फाइप और आंखों पर भी असर डालता है. 


जब यह बीमारी हो जाती है तो ऊपर बताई गई दिक्कतों के साथ मरीज को बैठने के बाद खड़े होने में, सीढ़िया चढ़ने में और कोई भी सामान उठाने में काफी दिक्कत होती है. जब दर्द की शुरुआत होती है तो मरीज को फीवर, वेट लॉस, मसल्स पेन आदि की दिक्कत भी होती है. इसका पता कुछ खास टेस्ट के जरिए ही चल सकता है. 


क्या है इसका इलाज?


वैसे तो इस बीमारी को लेकर कोई खास दवा नहीं है यानी सिर्फ एक मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है. ऐसे में इस बीमारी से स्टेरॉइड्स और इमूनोसप्रेसिव दवाइयों के जरिए मरीज को राहत दी जाती है. साथ ही फिजिकल थेरेपी, एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग और योगा के जरिए भी इलाज में मदद की जाती है. इसके अलावा इस बीमारी में डाइट भी कारगर साबित होती है. 


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