क्या है NATO, जिसमें शामिल होने का भारत को मिल रहा ऑफर?
मुख्य रूप से नाटो का उद्देश्य विश्व में शांति को कायम रखना है. NATO की फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) है.
NATO: भारत को नाटो के साथ और ज्यादा जुड़ाव के लिए ऑफर मिला है. अमेरिकी राजदूत जूलियन स्मिथ ने कहा है कि अगर भारते चाहे तो नाटो में उसके लिए दरवाजे खुले हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि NATO आखिर है क्या और यह क्या काम करता है.
दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य संगठन है नाटो
NATO दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन संगठन है. नाटो की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद 4 अप्रैल 1949 में की गई. विश्व युद्ध (World War) में दुनिया के बहुत सारे देशों को गहरा जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा. ऐसे में सभी देश चिंतित थे कि ऐसी कोई घटना फिर कभी ना हो. इसी समस्या के हल के लिए युद्ध के समाप्त होने पर नाटो (NATO) का निर्माण किया गया. जिसमें बहुत सारे देशों ने अपने सैन्य बल को साझा किया.
नाटो की फुल फॉर्म
नाटो उस समय और भी चर्चा में आया, जब रूस और उक्रेन के बीच युद्ध की बातें सामने आने लगीं. नाटो संगठन के अंतर्गत एक देश दूसरे देश में अपनी सेना भेजता है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग भी दी जाती है. मुख्य रूप से नाटो का उद्देश्य विश्व में शांति को कायम रखना है. NATO की फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) है. इसे अटलांटिक अलायन्स के नाम से भी जाना जाता है. हिंदी में नाटो को 'उत्तर अटलांटिक संधि संगठन' कहा जाता है.
हमला होने पर एक दूसरे की मदद करना
साल 1945 में दूसरा विश्व समाप्त होने के साथ ही अमेरिका और सोवियत संघ एक महा शक्ति के रूप में उभर कर आए. इससे यूरोप में खतरे की संभावना बढ़ गई. इस समस्या की गंभीरता हो समझते हुए हुए फ्रांस, ब्रिटेन, नीदरलैंड, बेल्जियम जैसे कई देशों ने संधि की, जिसके तहत अगर किसी देश पर हमला होता है तो दूसरे देश उस देश को सैन्य सहायता प्रदान करेंगे और साथ ही उसे आर्थिक और सामाजिक तौर पर भी सहरा देंगे.
NATO में शामिल देश
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 15 के तहत उत्तर अटलांटिक संधि प्रस्ताव की पेशकश की, इस संधि पर दुनिया के 12 अलग अलग देशों ने हस्ताक्षर किये. संधि में अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, बेल्जियम, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, फ्रांस, कनाडा और इटली जैसे कई देश शामिल थे. बाद में शीत युद्ध से कुछ समय पहले स्पेन, पश्चिम जर्मनी, टर्की और यूनान ने इसकी सदस्य्ता लेली. शीत युद्ध खत्म होने के बाद हंगरी, पोलैंड और चेक गणराज्य देशों को भी नाटो में शामिल किया गया. इसके अलावा साल 2004 में 7 और देशों ने इसकी सदस्य्ता ली. इस समूह में निम्न सभी 30 देश शामिल हैं -
- Albania
- Belgium
- Bulgaria
- Canada
- Croatia
- Czech Republic
- Denmark
- Estonia
- France
- Germany
- Greece
- Hungary
- Iceland
- Italy
- Latvia
- Lithuania
- Luxembourg
- Montenegro
- Netherlands
- North Macedonia
- Norway
- Poland
- Portugal
- Romania
- Slovakia
- Slovenia
- Spain
- Turkey
- United Kingdom
- United States
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