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बिना वजह बताए 'तलाक' लेने का ये तरीका बड़ा अजीब है... जानिए क्या होता है ये 'नो-फॉल्ट डिवोर्स

दुनिया में तलाक लेने की दर तेजी से बढ़ी है. वैसे तो ज्यादातर देशों में तलाक की प्रक्रिया लंबी होती है और यह फॉल्ट थ्योरी पर आधारित होती है. लेकिन कुछ देशों नो फॉल्ट डिवोर्स का तरीका अपनाया जा रहा है.

No-Fault Divorce: एक दूसरे के सुख-दुख में साथ देना ही शादी के मायने होते हैं. शादी में दो लोग साथ आते हैं और एक ही छत के नीचे जिंदगी बिताते हैं. लेकिन कभी-कभी मतभेद या लड़ाई-झगड़ो के चलते शादी लोगों के लिए सिर का दर्द बन जाती है. ऐसे में वो एक- दूसरे से तलाक लेना चाहते हैं. वैसे तो ज्यादातर देशों में तलाक में एक पक्ष को यह साबित करना होता है कि दूसरे वाले ने उसे धोखा दिया है, मानसिक या शारीरिक हिंसा की है या फिर उसने कोई और गलती की है. उसके बाद ही तलाक होता है. लेकिन, कुछ देश बिना कारण बताए तलाक लेने का तरीका भी अपना रहे हैं. इसे नो-फॉल्ट डिवोर्स का नाम दिया जा रहा है. आइए समझते हैं ये क्या है और इसकी प्रक्रिया कैसी है.

क्या है नो-फॉल्ट डिवोर्स? 

दुनियाभर के देशों में कपल्स के एक-दूसरे से तलाक लेने की दर तेजी से बढ़ी है. सिर्फ अमेरिका में ही सालाना करीब साढ़े 4 मिलियन शादियां होती हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत एक दूसरे से तलाक ले लेते हैं. डिवोर्स की प्रक्रिया काफी लंबी होती है. ऐसे में बहुत से देशों में नो फॉल्ट डिवोर्स प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है. इसमें दूसरे में कोई कमी बताए बिना ही दोनों लोग अलग हो जाते हैं.

सोवियत संघ से हुई थी शुरुआत

भले ही आपके नो-फॉल्ट डिवोर्स नया लग रहा हो, लेकिन यह रूस में 100 साल से भी ज्यादा समय से अपनाया जा रहा है. 1917 की बोल्शेविक क्रांति में व्लादिमीर लेनिन ने देश को आधुनिक बनाने का जिम्मा लिया. इससे पहले तक रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च ही शादी और अलगाव से जुड़े मसले सुनता था. बोल्शेविक क्रांति के तुरंत बाद ही शादियों से धार्मिक चोला और बाध्यता हटा दी गई. हालांकि, जोसेफ स्टालिन ने सत्ता में आते ही तलाक के इस मॉर्डन सिस्टम को परिवार तोड़ने वाला बताया और इसपर रोक लगा दी गई.

उठाना पड़ सकता है नुकसान

ज्यादातर देशों में तलाक फॉल्ट पर आधारित होता है. लेकिन कुछ देश, जैसे यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका के ज्यादातर राज्य, माल्टा, स्वीडन, स्पेन, मैक्सिको और चीन में नो-फॉल्ट डिवोर्स को मंजूरी मिली हुई है. हर चीज के दो पहलू होते हैं. वैसे ही तलाक की इस प्रक्रिया के भी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह का नियम मौकापरस्त लोगों के लिए अपने काम को अंजाम देना आसान कर देगा. मौके का फायदा उठाने वाले पुरुषों की वजह से महिलाओं पर दोहरा बोझ बढ़ जायेगा और वो अकेली पड़ जायेंगी.

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