पीएम नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून के दिन होना तय है. शपथ ग्रहण समारोह को लेकर दिल्ली में नो-फ्लाई जोन लागू हुआ है. अब सवाल ये है कि आखिर नो फ्लाई जोन क्या होता है?  क्या नो फ्लाइंग जोन के दौरान फ्लाइट भी नहीं उड़ती है. आज हम आपको बताएंगे नो फ्लाइंग जोन का मतलब क्या होता है और इसमें क्या-क्या उड़ाने पर प्रतिबंध लगा होता है.

  


नो फ्लाइंग जोन


आपने कई बार नो-फ्लाइंग जोन शब्द सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में नो फ्लाइंग जो क्या होता है और इसका क्या मतलब है. बता दें कि दुनियाभर में विभिन्न क्षेत्रों को विविध कारणों से नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया जाता है, जिसका मतलब है उन क्षेत्रों में हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों का उड़ान भरना प्रतिबंधित होता है. इन प्रतिबंधों के पीछे कई कारण होते हैं. 


कब लागू होता है नो फ्लाइंग जोन


• सैन्य संघर्ष के दौरान सैन्य बल अक्सर दुश्मन के विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए नो-फ्लाइंग जोन स्थापित करते हैं. इसका उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा करना, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बचाना और युद्ध के मैदान में संतुलन बनाए रखना होता है.
• पर्यावरण संरक्षण के कारण भी कुछ क्षेत्रों को नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया जा सकता है. इसका उद्देश्य संवेदनशील वन्यजीव आवासों, प्रवासी पक्षियों के मार्गों या वायु प्रदूषण को कम करने वाले क्षेत्रों की रक्षा करना होता है. अंटार्कटिका को 1959 में एक अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया था, जिसका उद्देश्य इस महाद्वीप के अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करना है.
• राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण कुछ देश अपने कुछ क्षेत्रों को नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर देते हैं. उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति के निवास, कैम्प डेविड सहित कुछ क्षेत्रों के ऊपर नो-फ्लाइंग जोन स्थापित किया है. इसी तरह कई देशों के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के आसपास भी नो-फ्लाइंग जोन लागू होते हैं.


शपथ ग्रहण


पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने नौ और दस जून के लिए राजधानी में नो फ्लाई जोन घोषित किया है. वहीं शपथ ग्रहण समारोह की सुरक्षा में एसपीजी, राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड, आईटीबीपी, दिल्ली पुलिस, खुफिया विभाग की टीमें, अर्द्धसैनिक बलों के जवान, एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो और एनडीआरएफ की टीमें मौजूद रहेंगी. वहीं विदेश मेहमानों के लिए G-20 के दौरान सुरक्षा के जिन स्टैंडर्ड मानकों को अपनाया गया था, उन्हें शपथ ग्रहण के दौरान भी अपनाया जाएगा. वहीं शपथ ग्रहण समारोह और गणमान्य लोगों की मौजूदगी के मद्देनजर ग्लाइडर, माइक्रोलाइट विमान, दूर से संचालित विमान, गर्म हवा के गुब्बारे, छोटे और बड़े आकार के ड्रोन पर पाबंदी रहेगी.


ये भी पढ़ें: लाखों-करोड़ों व्यूज के बाद भी YouTube कर सकता है आपकी वीडियो डिलीट, जानें क्या कहते हैं नियम