पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं? किसी को नहीं पता होगा इस सवाल का जवाब
आज के वक्त में पेट्रोल-डीजल हर इंसान के लिए सबसे जरूरी चीजों में एक है. क्योंकि आज के वक्त अधिकांश लोगों के पास दो पहिया या चार पहिया गाड़ी मौजूद है और अधिकांश गाड़ियां इन फ्यूल के बिना नहीं चलेगी.
आज के दौर में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल अधिकांश इंसान कर रहे हैं. इसमें मोबाइल फोन के बाद पेट्रोल और डीजल भी है. पेट्रोल और डीजल फोन की तरह ही इंसान के जीवन प्रमुख चीजों में शामिल हो चुका है. क्योंकि अधिकांश लोग आज के वक्त गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें पेट्रोल और डीजल दोनों पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं. गाड़ियों का हर रोज इस्तेमाल करने वाले लोग भी नहीं जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं.
पेट्रोल-डीजल
बता दें कि आज अधिकांश लोगों के जीवन में पेट्रोल और डीजल एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. क्योंकि गाड़ियां हर किसी के पास आज मौजूद है और अधिकांश गाड़ियां पेट्रोल और डीजल से चलती हैं. दुनिया भर के लोग पेट्रोल-डीजल को पेट्रोल-डीजल ही कहते हैं. हालांकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से लोग परेशान होते हैं, लेकिन इन फ्यूल की जरूरत ऐसी है कि सस्ता या महंगा दोनों होने पर इस्तेमाल में कमी नहीं आती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं? क्योंकि पेट्रोल और डीजल कोई हिंदी शब्द नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि पेट्रोल और डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं.
पेट्रोल-डीजल का हिंदी नाम
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोल को हिंदी में शिलातैल या ध्रुवस्वर्ण कहा जाता है. हालांकि पेट्रोल के अन्य हिंदी नाम जो प्रचलन में है, उनमें ईंधन, तेल, साफ किया पेट्रोलियम, साफ किया मिट्टी का तेल कहा जाता है. वहीं डीजल को भी हिंदी में शिलातैल या ध्रुवस्वर्ण कहा जाता है. बता दें कि पेट्रोल और डीजल दोनों ही ज्वलनशील पदार्थ है. इन दोनों का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है. हालांकि आज के वक्त में प्रदूषण को कम करने के लिए सभी सरकारें काम कर रही है. जिस कारण अब सड़कों पर इलेक्ट्रीक और सीएनजी बसों और कारों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. आटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े कुछ एक्सपर्ट ने बताया कि आने वाले कुछ दशकों में सड़कों पर इलेक्ट्रीक बसों और कारों की संख्या बढ़ेगी और डीजल-पेट्रोल कार को धीरे-धीरे सरकार हटा देगी, जिससे प्रदूषण पर काफी हद तक रोक लगेगी.
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