Poisonous Liquor: देश में बड़े पैमाने पर शराब का इस्तेमाल होता है, ऐसे में कुछ आपराधिक सोच वाले लोग नकली शराब बना मुनाफा कमाना चाहते हैं. इसमें उन्हें ज्यादा पैसा मिलता है, लेकिन नकली शराब का सेवन जानलेवा होता है. नकली शराब से मौत का मामला नया नही है. पहले भी ऐसे कई वाक्ये हुए हैं.


दरअसल नकली शराब बनाने का यह पूरा खेल मिथाइल अल्कोहल और इथाइल अल्कोहल का है. इथाइल अल्कोहल, जिससे शराब बनती है, प्राकृतिक प्रक्रमों से तैयार होता है, जबकि मिथाइल अल्कोहल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री का वेस्ट होता है. मिथाइल अल्कोहल हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है.


क्यों होती है नकली शराब से मौत


एक रिपोर्ट के मुताबिक मिथाइल अल्कोहल की केवल 10ml मात्रा ही किसी व्यक्ति को अंधा करने के लिए काफी होती है और इससे उसकी जान भी जा सकती है. डा. भरत के मुताबिक मिथाइल एल्कोहल लिवर में पहुंच कर फार्मेल्डिहाइड बन जाता है, जो एक तीव्र जहर है. जिससे लोगों की मौत हो जाती है. दरअसल, मिथाइल अल्कोहल और इथाइल अल्कोहल दोनों ही देखने में एक जैसे हैं, यहां तक कि इनकी गंध.और नेचर भी एक जैसे होते हैं.


बिना लैब जांच के दोनों की पहचान कर पाना मुश्किल है. शायद यही सबसे बड़ी वजह है कि शराब बनाने वाले इथाइल अल्कोहल सोचकर शराब बनाने समय उसमे मिथाइल अल्कोहल मिला बैठते हैं और शराब जहरीली हो जाती है. एक दूसरी वजह ये भी है कि मिथाइल अल्कोहल मात्र 6 रुपये लीटर मिलता है, जबकि इथाइल अल्कोहल 40 से 45 रुपये लीटर मिलता है. ऐसे में इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ लोग केवल महज थोड़े से मुनाफे के चक्कर में लोगों की जान पर दांव लगा बैठते हैं और जहरीली शराब बना देते हैं.


गुजरात से आता है मिथाइल अल्कोहल


आबकारी अधिकारी वरुण कुमार बताते हैं कि मिथाइल अल्कोहल की सबसे अधिक सप्लाई गुजरात से होती है. यह थिनर और पेंट बनाने के काम आता है. गुजरात से यह केमिकल बड़े-बड़े टैंकरों में भरकर अलग-अलग राज्यों में लाया जाता है. आशंका है कि रास्ते में ट्रक चालक इसे कथित ठेकेदारों को सस्ते दाम में बेच देते हैं और फिर यहीं से जहरीली शराब बनने का खेल शुरू हो जाता है. पूर्व में नकली शराब के मामलों में पकड़े गए कुछ लोगों ने पुलिस पूछताछ में यह खुलासे किए हैं.


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