ये कैसा पेड़ है भई! जिसे देखकर लगता है जैसे कोई पेंटिंग हो... कौन-सा है ये अनोखा पेड़?
बाग या जंगल में अनेक प्रकार के पेड़ होते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में जानकारी देंगे, जिसे उसके इंद्रधनुषी रंगों के लिए जाना जाता है. आइए जानते हैं कि यह पेड़ कहां पाए जाते हैं?
Eucalyptus tree: जब कभी बाग या जंगल मे जाते हैं तो आपने कई तरह के पेड़ देखे होंगे. कोई पेड़ खूब घना होता है तो कोई पेड़ खूब लंबा होता है. जंगलों में अनेकों प्रकार के पेड़ देखे जाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में जानकारी देंगे जिसे उसके इंद्रधनुषी रंगों के लिए जाना जाता है और उस पेड़ की गिनती दुनिया के सबसे रंगीन पेड़ों में होती हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि पेड़ तो नॉर्मली हरे रंग के होते हैं. इन्द्रधनुषी रंग पेड़ पर क्या कर रहे हैं? इन पेड़ों को किस नाम से जाना जाता है? आखिर इस पेड़ में इतने रंग क्यों दिखाई देते हैं और यह पेड़ कहां पाए जाते हैं? आइए विस्तार से जानकारी दी जाए.
इन्द्रधनुषी रंगों वाले पेड़ का नाम
इन पेड़ों को इनके इन्द्रधनुषी रंगों की वजह से जाना जाता है. इन्द्रधनुषी रंगों वाले पेड़ को साइंस की लैंग्वेज में यूकेलिप्टस डेगलुप्टा (Eucalyptus Deglupta) कहा जाता है. इन पेड़ों को रेनबो गम भी कहा जाता है.
यूकेलिप्टस डेगलुप्टा पेड़ कहां पाए जाते हैं?
इन्द्रधनुषी रंगों वाले पेड़ इंडोनेशिया, फिलीपींस और पपुआ न्यूगिनी में पाए जाते हैं. यह पेड़ यूकेलिप्टस की केवल एक ऐसी प्रजाति है, जो रैन फॉरेस्ट में पाई जाती है. वनअर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह इस पेड़ की उम्र बढ़ती है, ठीक उसी तरह इसके रंगों में बदलाव होता है. इस पेड़ों के रंग-बिरंगा दिखने की भी एक खास वजह मानी जाती है. आइए आपको बताते हैं.
कैसे दिखते हैं यूकेलिप्टस डेगलुप्टा?
जब यह पेड़ बढ़ता है और पुराना होता जाता है, तब इसकी छाल हटती जाती है. छाल के हटने के बाद ही चमकीले और नए नए रंगों का दिखना शुरू हो जाता हैं. इसी वजह से पूरे पेड़ पर रंग का असर दिखता है. यूकेलिप्टस डेगलुप्टा की लम्बाई 76 मीटर होती है. यह पेड़ कम मात्रा मे टेक्सास, कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में भी पाए जाते है. हालाकि यहां इस पेड़ की लम्बाई केवल 30 से 38 मीटर तक ही होती है.
रंगीन पेड़ से बनते है सफेद पेपर
इस पेड़ की लड़की से सफेद पेपर तैयार किया जाता है इसलिए इस पेड़ को व्यवसायिक स्तर पर काफी कीमती माना जाता है. अब हैरानी की बात यह है कि यह पेड़ रंग-बिरंगा दिखाई देता है लेकिन इस पेड़ से बने पेपर पर इसका कोई असर नहीं होता है. यह पेड़ काफी तेजी से बढ़ते हैं और इन पेड़ों पर नॉर्मली पेड़ों में दिखने वाली बीमारी का असर नहीं होता है.