Jagannath Temple Ratna Bhandar: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर के अंदर रखे गए रत्न भंडार को 46 साल बाद फिर खोला गया है. मार्च 2018 में एक जनहित याचिका के बाद उड़ीसा हाईकोर्ट ने एएसआई को रत्न भंडार की संरचनात्मक स्थिति का निरीक्षण करने और एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था.


रविवार को शुभ मुहूर्त में इस रत्न भंडार को  11 लोगों की मौजूदगी में खोला गया. खजाना खोलने से पहले पुरी प्रशासन ने खास तरह के 6 बड़े-बड़े बॉक्स मंगवाए थे. इस दौरान भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. बता दें कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार गर्भगृह के ठीक बगल में बना हुआ है. आखिरी बार इस रत्न भंडार का दरवाजा 1978 में खोला गया था. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये रत्न भंडार होता क्या है और इसमें क्या रखा जाता है? चलिए जानते हैं.


क्या होता है रत्न भंडार?


आमतौर पर रत्न भंडार वो जगह होती है जहां कीमती धन रखा जाता है, जैसे सोने, चांदी या हीरे के आभूषण. वहीं जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को लेकर ओडिशा सरकार का कहना है कि ऑडिट में कीमती पत्थरों से जड़े 149.6 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण, 258.3 किलोग्राम चांदी के बर्तन और अन्य सामान शामिल थे.


जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में क्या-क्या मिला?


कहा जाता है जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की रक्षा सांप करते हैं. दरअससल रत्न भंडार से अक्सर सांपों के फुफकारने की आवाजें आती हैं. वजह है कि कहा जाता है यहां सांपों का भी डेरा है. इसके अलावा रत्न भंडार की बात करें तो ओडिशा के रत्न भंडार में दो कक्ष हैं, पहला आंतरिक भंडार और दूसरा बाहरी भंडार.


ओडिशा मैगजीन में बताया गया है कि खजाने में भगवान जगहन्नाथ के सोने से बने मुकुट, सोने के तीन हार (हरिदाकंठी माली) हैं. जिनमें से प्रत्येक का वजन 120 तोला है. रिपोर्ट में भगवान जगन्नाथ और बलभद्र के सोने सेबने श्रीभुजा और श्रीपयार का भी उल्लेख किया गया है, इसके मुताबिक आंतरिक खजाने में लगभग 74 सोने के आभूषण हैं, जिसमें प्रत्येक का वजन 100 तोला से ज्यादा है. सोने, हीरे, मूंगा और मोतियों से बनी प्लेटें हैं. इसके अलावा 140 से ज्यादा चांदी के आभूषण भी खजाने में रखे हुए हैं.                                       


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