इसरो ने चांद पर फतह करने के बाद, अब सूरज की तरफ कूच कर दिया है. उम्मीद है कि इसरो अपने इस मिशन में भी सफल होगा. हालांकि, इससे पहले कि सूरज तक इसरो पहुंचे आज हम आपको उससे जुड़े कुछ ऐसे सच बताने वाले हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो. दरअसल, हम बात कर रहे हैं सूरज के रंग के बारे में. बचपन से हम सूरज को कभी पीला, कभी भगवा यानी नारंगी रंग का देखते आए हैं, लेकिन असलियत में सूरज इस रंग का है नहीं. चलिए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आखिर सूरज का असली रंग क्या है.
सूरज हमें पीला और नारंगी क्यों दिखता है?
पृथ्वी से सूरज हमे अलग अलग समय पर अलग अलग रंग का दिखाई देता है. जैसे सुर्योदय या सुर्यास्त के समय जब आप सूरज को देखते हैं तो वो लाल या फिर नारंगी रंग का दिखता है. वहीं दिन में जब आप सूरज की ओर देखते हैं तो वो आपको पीला दिखाई देता है. आपको बता दें, सूरज का इन तीनों रंगों से कोई लेना देना नहीं है. ये सब पृथ्वी के वायुमंडल और हमारी आंखों की वजह से होता है. दरअसल, सूरज की रौशनी हमारी आंखों तक पहुंचने से पहले हमारे वायुमंडल से टकराती है, जहां प्रकाश की भौतिकी के कारण इसका अधिकांश रंग हमें पीला दिखाई देता है. इसी तरह से सूर्यास्त और सुर्योदय के समय पृथ्वी पर सूरज की रौशनी दूसरी तरह से पड़ती है और इस वजह से वो हमारी आंखों को लाल या नारंगी दिखाई देता है.
सूरज का असली रंग क्या है?
नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब नासा के वैज्ञानिकों ने स्पेस से सूरज की तस्वीर ली और उसे देखा तो उसका रंग ना लाल था, ना पीला और ना ही भगवा. उसका रंग था सफेद. यानी सूरज का असली रंग सफेद है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब सूरज का रंग सफेद है तो वह हमें धरती से सफेद क्यों नहीं दिखता? दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब सूर्य की कीरणें हमारे आंखों तक पहुंचती हैं तो उनकी मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि वह हमारी आंखों की फोटोरिसेप्टर कोशिकाओं को संतृप्त कर देती है. ऐसे में हमें सूरज का असली रंग सफेद ना दिख कर पीला या नारंगी दिखता है.
ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2023: जब राखी के एक धागे से एकजुट हुआ था बंगाल, रवींद्रनाथ टैगोर ने रखी थी हिंदू-मुस्लिम एकता की नींव