Silver Trumpet And Banner Ceremony: देश की राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में राष्‍ट्रपति भवन में हुए एक कार्यक्रम में अपने बॉडीगार्ड को सिल्‍वर ट्रम्‍पेट और ट्रम्‍पेट बैनर दिए हैं. ये प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड (PBG) के नाम से जाने जाते हैं. यह भारतीय सेना की सिर्फ यही सैन्य इकाई राष्ट्रपति के सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर लेकर चलती है. ये बॉडीगार्ड राष्ट्रपति की अपनी सैन्‍य टुकड़ी होती है. ये खासतौर पर राष्ट्रपति के लिए ही तैनात किए जाते हैं. इन बॉडीगार्ड के पास राष्ट्रपति के साथ चलने का विशेषाध‍िकार होता है. 


सिल्वर ट्रंपेट और ट्रंपेट बैनर 


यह एक ऐसा समारोह होता है, जिसमें देश के हर राष्‍ट्रपति अपने कार्यकाल में एक बार इसका हिस्‍सा बनते हैं. इस समारोह में राष्ट्रपति अपने बॉडीगार्ड को सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर देते हैं. राष्ट्रपति से मिला यह ट्रम्‍पेट उनके विशेषाधिकार को प्रदर्श‍ित करता है. अभी तक इस समारोह का आयोजन देश के 13 राष्‍ट्रपतियों के लिए किया जा चुका है. इस बैनर में राष्‍ट्रपति का नाम देवनागरी में अंकित हुआ होता है. इस समारोह के अवसर पर परेड का आयोजन भी होता है, जिसमें गार्ड घुड़सवारी और बैंड म्‍यूजिक सहित अलग-अलग तरह की स्किल्स को राष्‍ट्रपति के सामने पेश करते हैं. 


सिल्वर ट्रंपेट बैनर प्रेजेंटेशन सेरेमनी 


राष्‍ट्रपति सचिवालय की अध‍िकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस आयोजन को जिसमे राष्ट्रपति अपने बॉडीगार्ड को सिल्‍वर ट्रंपेट और ट्रंपेट बैनर प्रदान करते हैं, सिल्वर ट्रंपेट बैनर प्रेजेंटेशन सेरेमनी कहा जाता है. प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड्स का काम मुख्‍यतौर पर राष्‍ट्रपति को सुरक्षा देना है. ये बॉडीगार्ड कोई और नहीं, बल्कि भारतीय सेना की घुड़सवार फौज रेजिमेंट है. इस रेजिमेंट में शामिल होने के लिए युवाओं को कई मानकों पर खुद को काबिल साबित करना होता है. 


घोड़े भी होते हैं विशेष नस्ल के 


घुड़सवारी के लिए इस रेजिमेंट में घोड़े काफी ताकतवर होते हैं. इस रेजिमेंट में जर्मनी की खास नस्‍ल वाले घोड़ों को शामिल किया जाता है. जिनका वजन करीब 500 किलोग्राम तक होता है. प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड का इतिहास लगभग 250 साल पुराना है जिसका गठन अंग्रेज गर्वनर जनरल वॉरेन हेस्टिंगन 1773 में 50 घुड़सवारों के साथ बनारस में अपनी सुरक्षा करने के लिए किया था. पहले इन्हे मुगल हॉर्स के नाम से जाना जाता था, बाद में 27 जनवरी, 1950 को इस रेजिमेंट का नाम बदलकर उसे प्रेजिडेंट बॉडीगार्ड किया गया. 


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