मेंढक में ऐसा क्या होता है खास, जो एक किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है उसकी आवाज
आपने देखा होगा कि मेंढक के गले के पास एक गोल थैलीनुमा आकृति बनती है. इसे देखकर लगता है जैसे यह कोई फूला हुआ गुब्बारा है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेंढक इसका उपयोग तेज आवाज निकालने के लिए करते हैं.

बरसात के वक्त सबसे ज्यादा मेंढक की आवाज सुनाई देती है. तेज आवाज निकालने के साथ ही कई अनोखी खूबियों के कारण मेंढक हमेशा रिचर्स का विषय बना रहता है. आपने कभी सामने से या तस्वीरों में देखा होगा कि मेंढक का गला फूला रहता है. आइए जानते हैं कि आखिर मेंढक का गला क्यों फूला रहता है और मेंढक इसका क्या उपयोग करते हैं.
मेंढक की खासियत
मेंढक एनिमालिया किंगडम एम्फीबिया वर्ग के एन्यूरा गण के जानवर हैं. बता दें कि इनकी दुनिया भर में पांच हजार से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है. अधिकांश मेंढक प्रजातियों में गले के नीचे गुब्बारे की तरह एक थैली नुमा आकृति बनती देखी जाती है. इसकी आकृति गेंद की तरह गोलाकार होती है. इस गुब्बारेनुमा आकृति को वोकल सैक कहा जाता है.
नर मेंढक
बता दें कि मेंढकों का वोकल सैक या गुब्बारा सभी में नहीं पाया जाता है. यह मादाओं की तुलना में नर मेंढकों में ज्यादा देखने को मिलता है. हालांकि कुछ प्रजातियों में यह नर और मादा दोनों में ही देखने को मिलता है. वहीं ये गुब्बारे जैसी आकृर्ति उनके शरीर का एक हिस्सा होता है. वहीं कई मेंढक की प्रजातियां ऐसी होती है, जिनमें इस तरह के दो गुब्बारे बाहर निकलते दिखाई देते हैं.
मेंढक की आवाज
मेंढकों में इस गुब्बारों की खासी अहमियत होती है. नर मेंढकों में यह तब बनता है, जब वे मादा मेंढकों को मिलाप के लिए आकर्षित करने के लिए पुकारते हैं. इसके अलावा जब मेंढक अपने क्षेत्र की दूसरे नर मेंढको से रक्षा करना करना चाहते हैं, तब भी इसका उपयोग करते हैं. क्योंकि इस गुब्बारे के बनने से इनकी आवाज बहुत तेज हो जाती है. वहीं इनकी तेज आवाज दूर इलाके में मौजूद मादा मेंढक को आकर्षित करने में भी मदद करती है.
1 किलोमीटर दूर तक आवाज
मेंढकों की आवाज उनके गले के गुब्बारे के कारण करीब एक किलोमीटर दूर तक जाती है. बता दें कि वोकल सैक के उपयोग करने के लिए मेंढक अपने मुंह और नाक के नथुनों को बंद कर देते हैं. जिसके बाद हवा फेंफड़ों से होते हुए उनकी वोकल कॉर्ड तक आती है और फिर वोकल सैक में पहुंच जाती है. इसके बाद वोकल सैक तब हवा के कारण फूलने लगता है जैसे कोई गुब्बारा फूलता है. इसी फूले हुए गुब्बारे में मेंढक की आवाज गूंजती है और तेज हो जाती है.
रात के वक्त मेंढक निकालते हैं आवाज
मेंढक अक्सर रात के वक्त आवाज निकालते हैं. रात के वक्त तेज आवाज निकालने के कारण मेंढक वोकल सैक का उपयोग रात को करते हैं. इनकी तेज आवाज को सुनकर अन्य नर मेंढक भी उनके सुर में सुर मिलाने लगते हैं. वहीं मादा मेंढक यह पहचान करने में सक्षम होती है कि आवाज उनके प्रजाति के नर मेंढक की है या नहीं.
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