दुनिया में खतरनाक हथियारों को बनाने की होड़ मची है. उत्तर कोरिया भी ऐसा ही एक देश है जो आए दिन नए-नए खतरनाक हथियारों का परीक्षण करता रहता है. हाल ही में वहां के तानाशाह किम जोंग उन ने एक सॉलिड फ्यूल परमाणु हथियार से लोडेड हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. 
कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया की ये मिसाइल दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है और इससे काफी तबाही मचाई जा सकती है. उत्तर कोरिया के पास ऐसी मिसाइलों का पूरा जखीरा है.


सॉलिड फ्यूल मिसाइल सिस्टम


उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन सॉलिड फ्यूल मिसाइलों को लेकर सबसे ज्यादा उतावले दिखते हैं. उत्तर कोरिया के पास सॉलिड फ्यूल वाली कई मिसाइलें हैं. आपको बता दें, पिछले साल ही उत्तर कोरिया ने सॉलिड फ्यूल इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. चलिए अब जानते हैं कि आखिर ये सॉलिड फ्यूल मिसाइल होती क्या है.


दरअसल, सॉलिड फ्यूल से चलने वाली मिसाइलों में दागे जाने से ठीक पहले ईंधन भरने की जरूरत नहीं  पड़ती. इससे उन्हें दागना और भी आसान और ज्यादा सुरक्षित हो जाता है. सबसे बड़ी बात कि सॉलिड फ्यूल मिसाइलों के लिए कम तैयारी की जरूरत पड़ती है. इसलिए जंग में इनका इस्तेमाल शानदार होता है. इसके अलावा इन्हें पकड़ पाना भी मुश्किल होता है.


किन देशों के पास है ये तकनीक


सॉलिड फ्यूल मिसाइल सिस्टम को पहली बार 1970 में सोवियत संघ ने इस्तेमाल किया था. सोविय संघ ने पहली बार आईसीबीएम यानी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें आरटी-2 को बनाया था. इसके बाद इस तकनीक की मदद से फ्रांस ने मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल सिस्टम एस-3 यानी एसएसबीएस को विकसित किया. वहीं चीन ने 1990 में सॉलिड फ्यूल वाली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का परीक्षण किया था. इन देशों के बाद अब उत्तर कोरिया के पास ये तकनीक है.


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