यातायात को सुगम बनाने के लिए देशभर में फ्लाईओवर और ओवरब्रिज बनाए गए हैं. इनके बन जाने के बाद से वाहन और ट्रेनें बिना किसी अवरोध के रफ्तार से अपना सफर तय करती हैं. कुछ पुलों को पैदल चलने वाल यात्रियों के लिए बनाया गया है. इनकी मदद से वो बिना किसी खतरे और बिना ट्रैफिक के रास्ते में रुकावट बने आसानी से सड़क को पार कर पाते हैं. हालांकि, ऐसा देखने में आता है कि अक्सर लोग Flyover और Overbridge के बीच कंफ्यूज रहते हैं.
अलग-अलग होते हैं फ्लाईओवर और ओवरब्रिज
बहुत सारे लोगों को Flyover और Overbridge के बीच का अंतर मालूम नहीं है. क्या आप भी उन्ही लोगों में से एक हैं? Flyover और Overbridge दो अलग-अलग चीजों के नाम हैं. निर्माण से लेकर अन्य चीजों में भी इन दोनों में काफी अंतर होता है. आइए समझते हैं.
क्या होता है Flyover?
फ्लाईओवर का निर्माण अक्सर एसी सड़कों पर किया जाता है जिनपर पहले से ट्रैफिक होता है. अधिक ट्रैफिक होने पर जाम से मुक्ति दिलाने के लिए उस पर पिलर बनाकर फ्लाईओवर का निर्माण कर दिया जाता है. फ्लाईओवर की लंबाई उस रूट के ट्रैफिक और वहां की भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय की जाती है. ये एक या दो किलोमीटर से लेकर पांच से 10 किलोमीटर तक भी लंबे हो सकते हैं. देश का सबसे लंबा फ्लाईओवपर बंगलुरू का विश्ववरैया फ्लाईओवर है, जिसकी लंबाई 11.6Km है.
Overbridge क्या होता है?
Overbridge भी सड़क पर ही बने होते हैं. ये ऐसी जगहों पर बने होते हैं जहां रेलवे लाइन और सड़क एक दूसरे को क्रॉस कर रहे होते हैं, जिससे ट्रेन बिना किसी बाधा के गुजर जाए. इसके अलावा, इन्हे पैदल यात्रियों के सड़क पार करने के लिए भी बनाया जाता है. हालांकि, इनकी लंबाई Flyover की तुलना में कम होती है और लागत भी कम आती है.
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