लाल और सफेद चंदन में क्या है अंतर, जानें क्यों इतने महंगे हैं इनके दाम
चंदन की लकड़ी बाकी सभी लकड़ियों की तुलना में काफी महंगी होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में मौजूद लाल और सफेद चंदन में क्या अतंर होता है और कौन सा ज्यादा महंगा होता है.
चंदन की लकड़ी को सबसे महंगा माना जाता है. आज के वक्त कई युवा अपनी नौकरी छोड़कर चंदन की खेती कर रहे हैं. लेकिन जब चंदन का जिक्र होता है, उस वक्त लोग सबसे ज्यादा कंफ्यूज लाल और सफेद चंदन के बीच होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर लाल और सफेद चंदन के बीच क्या अंतर होता है और इनके दाम इतने मंहगे क्यों होते हैं.
चंदन
बता दें कि चंदन की कई प्रजातियां हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ़ दो प्रजातियाँ यानी सफ़ेद चंदन और लाल चंदन की खेती सबसे ज़्यादा की जाती है. अपने औषधीय और कॉस्मेटिक गुणों के कारण सफ़ेद चंदन काफ़ी महंगा होता है. वहीं इसमें कई औषधीय गुण होते हैं और इसका इस्तेमाल वैकल्पिक दवाओं में किया जाता है.
सफेद चंदन
सफेद चंदन का वैज्ञानिक नाम सैंटलम एल्बम है. सफेद चंदन को आमतौर पर भारतीय चंदन के रूप में जाना जाता है. वैसे दक्षिणी भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में मुख्यत कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में सफेद चंदन की खेती होती है. वहीं सफेद चंदन के पेड़ों की ऊंचाई 4 मीटर से 10 मीटर तक होती है. जानकारी के मुताबिक सफेद चंदन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल और पाउडर स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रोत्साहन में प्रयोग किया जाता है. क्योंकि यह एक एंटीसेप्टिक और कसैले के रूप में काम करता है. वहीं ये मुँहासे, एक्जिमा जैसी त्वचा की स्थितियों के खिलाफ भी काम करता है. वहीं इसकी धार्मिक मान्यता भी सबसे ज्यादा है.
लाल चंदन
लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम टेरोकार्पस सैंटालिनस है. लाल चंदन को लाल सैंडर्स, लाल सॉन्डर्स, रक्त चंदन और लाल चंदन के रूप में जाना जाता है. ये भारत में पूर्वी घाट के दक्षिणी भागों में मुख्यत आंध्र प्रदेश के वन क्षेत्र में पाए जाते हैं. इनके पेड़ों की ऊंचाई 5 मीटर से 8 मीटर तक होती है. इसकी लकड़ी अत्यंत कठोर होती है. लाल होने के कारण ये बाजार में अच्छे दामों में बिकती है. इसका इस्तेमाल मादक पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में भी किया जाता है. वहीं आयुर्वेद में लाल चंदन का उपयोग नेत्र विकारों के इलाज के लिए किया जाता है.
सफेद और लाल चंदन की कीमत
सफेद चंदन की तुलना में लाल चंदन अधिक कीमती होती है. लाल चंदन की लकड़ी की कीमत भारतीय बाजार में 18 से 25 हजार रुपए प्रति किलो होती है. वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में 38 से 45 हजार रुपए प्रति किलो तक होती है. लाल चंदन की फार्मिंग देश के सिर्फ दक्षिणी भाग में की जाती है, जबकि सफेद चंदन की फार्मिंग पूरे नॉर्थ इंडिया में होती है. एक एकड़ जमीन पर सफेद चंदन के 300 से 350 पौधे लगाए जा सकते हैं. सफेद चंदन एक किलो लकड़ी की कीमत 5 से 35 हजार रुपए किलो तक होती है. इसका दाम इस बात पर भी निर्भर करता है, पेड़ कितने साल पुराना है. चंदन की लकड़ी आमतौर पर मंहगी होती है, क्योंकि इसे उगाने में भी किसानों को काफी मेहनत करनी होती है और लंबा समय लगता है. मिट्टी, जलवायु और पौधों की सही देखभाल के बाद ही एक चंदन का पेड़ तैयार होता है.
ये भी पढ़ें: जब अपनी ही जमीन को कौड़ियों के दाम बेचने लगा था रूस, ये था कारण