बांग्लादेश में अभी भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. बांग्लादेश में बड़े सियासी उलटफेर के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांग्लादेश के संविधान में अंतरिम सरकार को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे अंतरिम सरकार का गठन होता है और अंतरिम सरकार और चुनी हुई सरकार में क्या अंतर होता है. 


बांग्लादेश


बता दें बांग्लादेश में नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की लीडरशिप में अंतरिम सरकार बनी है. बांग्लादेश के मौजूदा संविधान में अंतरिम सरकार के लिए किसी भी तरह का प्रावधान शामिल नहीं है. बांग्लादेश में पहले एक प्रावधान था, जिसमें कार्यवाहक सरकार का जिक्र था. बता दें कि 1996 में बांग्लादेश के संविधान में 13वां संशोधन पारित किया गया, जिसमें निष्पक्ष आम चुनाव कराने और सत्ता ट्रांसफर के लिए कार्यवाहक सरकार के प्रावधानों को शामिल किया गया था. 1991 में चुनाव के बाद गठित नई संसद में इससे जुड़ा कानून पारित किया गया था.


बांग्लादेश कैसे बना?


बांग्लादेश पहले पाकिस्तान का ही हिस्सा था. बता दें कि 1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद 'बांग्ला मुक्ति संग्राम' शुरू हुआ था. उस दौरान बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी का गठन किया गया था. उस दौरान पूर्वी पाकिस्तान से लोग भारत की सीमाओं में घुसने लगे थे और बांग्लादेश को अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद भारत ने उनकी मांग का समर्थन किया था. उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऐलान किया था कि भारत इस फैसले के साथ खड़ा है. लंबे संघर्ष के बाद 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश का जन्म हुआ था. बांग्लादेश को अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाला देश भारत ही था. 


बांग्लादेश संविधान में संशोधन 


बता दें कि बांग्लादेश साउथ एशिया का एक देश है. पाकिस्तान से अलग होकर एक राष्ट्र के रूप में मान्यता मिलने के बाद 1972 में बांग्लादेश का संविधान लिखा गया था. अब तक इसमें 17 बार संशोधन किए जा चुके हैं. वहीं 1991 में संसदीय व्यवस्था को अडॉप्ट किया गया था. अभी बांग्लादेश में मुख्य रूप से 3 राजनीतिक पार्टियां हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), बांग्लादेश आवामी लीग (बीएलएल) और जातीय पार्टी है. 


पहली बार अंतरिम सरकार कब बनी?


बांग्लादेश में पहली बार 1990 में अंतरिम सरकार बनी थी. 6 दिसंबर 1990 को एक विद्रोह के कारण सैन्य तानाशाह हुसैन मुहम्मद इरशाद की सरकार चली गई थी. इसके बाद 3 महीने के भीतर देश के पांचवें आम चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम या अस्थायी सरकार बनाई गई थी. उस समय तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश शहाबुद्दीन अहमद के नेतृत्व में एक अस्थायी सरकार का गठन किया गया था. यह फैसला अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनल पार्टी  समेत सभी दलों के बीच आम सहमति के आधार पर हुआ था.


अंतरिम सरकार और चुनी हुई सरकार में अंतर


किसी भी देश में जनता द्वारा वहां की सरकार को चुना जाता है. लेकिन कई देशों के संविधान में अंतरिम सरकार जैसे प्रावधान भी होते हैं. लेकिन बांग्लादेश के संविधान में अंतरिम सरकार का प्रावधान नहीं है, यहां पर सत्ता का उलटफेर हुआ है और विपक्षी पार्टी ने बिना जनता के समर्थन के सरकार बनाई है. जनता की चुनी हुई सरकार को पूरी दुनिया में एक जगह दी जाती है और सभी बड़े फैसलों में शामिल किया जाता है. आसान भाषा में उनकी अहमियत होती है. लेकिन अंतरिम सरकार को कार्यवाहक के रूप में देखा जाता है, चुनाव के बाद ही नई सरकार को कई मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलता है.


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