भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे के किफायती टिकट के कारण हर दिन लाखों लोग रेलवे से सफर करते हैं. अगर आपने ट्रेन में सफर किया होगा तो आपने देखा होगा जरनल,स्लीपर के साथ कई कैटगरी में एसी कोच भी होते हैं. क्या आप जानते हैं कि इन एसी कोच में क्या अंतर होता है. आज हम आपको बताएंगे कि 3एसी कोच और 3E कोच में क्या अंतर होता है. 


रेलवे लाइफ लाइन


भारतीय रेलवे को देश का लाइफ लाइन भी कहा जाता है. क्योंकि रेलवे के जरिए हर दिन लाखों लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक सफर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में हर रोज करीब 13,523 सवारी ट्रेनों का संचालन होता है, इसके अलावा देश में रोजाना 9146 मालगाड़ियां चलाई जाती हैं. इस हिसाब से भारत में रोजाना कुल 22,669 ट्रेनों का संचालन होता है. 


3A यानि थर्ड एसी और 3E यानि थर्ड एसी इकोनॉमी


ट्रेन में अगर आपने सफर किया होगा, तो आपने देखा होगा कि ट्रेन में जनरल, स्लीपर और ऐसी कोच होते हैं. खासकर गर्मी से समय अधिकांश लोग एसी में सफर करना पसंद करते हैं, क्योंकि एसी कोच में सफर करना आसान होता है. वहीं ज्यादातर यात्री थर्ड एसी में सफर करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसका टिकट किफायती होता है. लेकिन बीते कुछ सालों से आपने देखा होगा कि रेलवे ने थर्ड एसी के साथ थर्डE कोच जोड़ा है, जो दिखने में बिल्कुल थर्ड एसी की तरह बस इसका टिकट थोड़ा सस्ता और सीट थोड़ी पतली है. 


3E कोच और 3A कोच में अंतर


बता दें कि यात्रियों को किफायती किराये में एसी कोच में ट्रैवल करने के लिए भारतीय रेलवे ने अब 3E कोच का विकल्प भी दिया है। इसे थर्ड एसी इकोनॉमी यानि 3E कोच कहा जाता है. ये कोच थर्ड एसी यानि 3A की ही तरह होता है और वही सारी सुविधाएं दी जाती हैं.


हालांकि 3E का किराया 3A से कम होता है। बता दें कि 3E कोच में हर सीट के यात्रियों के लिए एसी डक अलग-अलग लगाया गया है. हर सीट के लिए बोतल स्टैंड, हर सीट के लिए रीडिंग लाइट तथा हर सीट के लिए चार्जिंग की व्यवस्था की गई है. 3E कोच में 3A कोच की तरह बेडशीट और चादर भी मिलते हैं। इन दोनों में फर्क बस इतना है कि 3A कोच में 72 सीटें होती हैं, जबकि 3E कोच में इससे 11 सीट अधिक यानि 83 सीटें होती हैं.