उत्तराखंड की वरिष्ठ आईएएस अफसर मनीषा पंवार ने हाल ही में वॉलेंट्री रिटायरमेंट (वीआरएस) ले लिया है. बता दें मनीषा पंवार उत्तराखंड कैडर की 1990 बैच की वरिष्ठ अफसर हैं. मनीषा पंवार ने त्रिवेंद्र सरकार में अक्टूबर 2018 में निवेशक सम्मेलन में तत्कालीन प्रमुख सचिव उद्योग के तौर पर अहम भूमिका निभाई थी. उनके पति 1991 बैच के आईएएस उमाकांत पंवार ने भी 03 अगस्त को वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे राज्य सरकार ने 10 अगस्त को तुरंत स्वीकार कर लिया. जबकि उनकी सेवा को नौ साल बचे हुए थे. आइए जानते हैं कि वॉलेंट्री रिटायरमेंट और नॉर्मल रिटायरमेंट में क्या अंतर होता है.
वॉलेंट्री रिटायरमेंट
आपने ये तो सूना ही होगा कि नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट लेने की उम्र 58 से 60 साल होती है. लेकिन कुछ लोग कुछ कारणों से समय से पहले रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, या जीवन में कोई ऐसी स्थिति आ गई है कि नौकरी को जारी नहीं रख पाते हैं, तो वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना (Voluntary Retirement Scheme- VRS) के तहत सेवानिवृत्त हो सकते हैं.
नॉर्मल रिटायरमेंट
हर इंसान की काम करने की उम्र होता है, एक उम्र के बाद वह व्यक्ति काम को छोड़ कर घर में समय देना चाहता है परिवार के साथ घूमने जाना चाहता है. ऐसे में वह व्यक्ति सेवानिवृत्त यानी रिटायरमेंट के बारे में सोचता है और वह 60- 62 साल में रिटायर हो जाता है।
वीआरएस लेने के फायदे
- कर्मचारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी और कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक वेतन मिलती है.
- एकमुश्त रकम मिलने से कर्मचारी इसका इस्तेमाल अपने अनुसार कर सकते हैं.
- वीआरएस के तहत मिलने वाली 5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स मुक्त है.
- जिस साल मुआवजा मिलता है, उस साल इसका दावा किया जा सकता है
पिछले तीन साल में कितने आईएएस वॉलेंट्री रिटायरमेंट ले चुके हैं
जानकारी के मुताबिक 2022 में आईएएस अफसर रेणुका कुमार ने वीआरएस लिया था. रेणुका कुमार 1987 बैच की आईएएस हैं. इसके अलावा 1988 बैच की आईएएस अफसर जूथिका पाटणकर ने भी वीआरएस लिया है. 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास कोठवाल ने स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस लिया था. गुरला श्रीनिवासुलु ने भी 2022 में वीआरएस लिया था.
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