आखिर क्या है हेमा कमेटी रिपोर्ट? जिससे फिल्म इंडस्ट्री में मच सकता है बवाल
देश-दुनिया के सभी फिल्म इंडस्ट्री पर कई बार अलग-अलग आरोप लगते हैं.लेकिन इस बार हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जानिए क्या है हेमा कमेटी और उसकी रिपोर्ट?
![आखिर क्या है हेमा कमेटी रिपोर्ट? जिससे फिल्म इंडस्ट्री में मच सकता है बवाल what is the Hema Committee report Due to which there can be an uproar in the Malayalam film industry आखिर क्या है हेमा कमेटी रिपोर्ट? जिससे फिल्म इंडस्ट्री में मच सकता है बवाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/20/721c40617e8c991f300a2c4d485dbd481724153408971906_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
फिल्म इंडस्ट्री के ऊपर अक्सर कोई ना कोई आरोप लगते ही रहते हैं. कभी भाई-भतीजावाद, कभी कास्टिंग काउच, कभी कर्मचारियों का शोषण तो कभी काम देने के बदले अनैतिक डिमांड का आरोप लगता है. लेकिन अभी इन दिनों हेमा कमेटी की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक हो रही है. आज हम आपको बताएंगे कि हेमा कमेटी क्या है और इसकी रिपोर्ट से क्यों फिल्म इंडस्ट्री में बवाल मचा हुआ है.
मलयालम इंडस्ट्री
मलयालम इंडस्ट्री में कई महिलाओं ने आरोप लगाया था कि काम के बदले उनसे अनैतिक डिमांड किया जाता है. सरकार ने एक पुराने केस और बाकी इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा से जुड़े सभी बिंदुओं पर रिसर्च के लिए 2019 में न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था. गठन के बाद समिति ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाएं जो चीजें फेस कर रही हैं, उन मुद्दों का अध्ययन किया था. इस रिपोर्ट में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार की जरुरी डिटेल्स को एक्सपोज किया गया है.
कब आई रिपोर्ट
बता दें कि यह रिपोर्ट केरल सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया था. लेकिन आरटीआई अधिनियम के तहत सरकार को सोमवार (19 अगस्त 2024) को ये रिपोर्ट जारी करना पड़ा.
मलयालम अभिनेत्री का अपहरण और यौन उत्पीड़न
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2017 के दिन मलयालम फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री अपनी कार से कोच्चि जा रही थी. उस दौरान उन्हें अगवा करके उन्हीं की कार में यौन उत्पीड़न किया गया. जानकारी के मुताबिक यह अपहरण ब्लैकमेल करने के इरादे से किया गया था. इसके बाद पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था.
कैसे हुआ हेमा कमेटी का गठन ?
बता दें कि इस वारदात के बाद मलयालम सिनेमा इंडस्ट्री में महिला कलाकारों की सुरक्षा, काम की शर्तों को लेकर आवाज उठने लगा था. ये आंदोलन तेज होता जा रहा था. इसके बाद भारी दबाव में मुख्यमंत्री ने वारदात के पांच महीने बाद जुलाई में केरल हाईकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठिन किया था. उस दौरान कमेटी को पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों, सहयोगियों और अन्य स्टाफ की सेवा शर्तें, काम के बदले समुचित मेहनताना, शूटिंग स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजामात आदि को लेकर रिपोर्ट देना था.
रिपोर्ट में क्या आया सामने
हेमा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का पूरा सच सामने लाया है. इस कमेटी ने सैकड़ों की संख्या में महिला कलाकारों, टेक्नीशियन्स तथा अन्य से बातचीत की है. इसके अलावा जरूरी बयानों को रिकार्ड किया गया था. इसके बाद फिर साल 2019 के अंत में इस कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सीएम पी. विजयन को सौंप दी थी, जिसमें अनेक खुलासे किये गए थे. इतना ही नहीं कमेटी ने इस मामले की विस्तृत जांच हेतु एक न्यायाधिकरण के गठन की सिफारिश की थी. हालांकि रिपोर्ट की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया था.
हालांकि राज्य सरकार ने जनवरी 2022 में एक पैनल गठित किया था, जिसने कुछ महीनों बाद ही अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश की थी. इसमें इस इंडस्ट्री में जॉब करने वालों के कान्ट्रैक्ट को अनिवार्य करना, महिलाओं-पुरुषों के लिए एक ही तरह का भुगतान सुनिश्चित करना, शूटिंग वाले स्थान पर शराब-ड्रग्स पर सख्ती से पाबंदी और महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल तैयार करना शामिल था.
केरल सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट
आरटीआई के बाद केरल सरकार की ओर से 295 पन्नों की इस रिपोर्ट से प्रारंभिक मसौदे से 63 पन्नों को हटाने के बाद इसे जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि निर्देशकों, निर्माताओं और अभिनेताओं समेत 15 बड़े शॉट्स से जुड़े एक पुरुष समूह का पता चला है. इंडस्ट्री में यही पावर ग्रुप तय करता है कि इंडस्ट्री में किसे रहना चाहिए और किसे फिल्मों में काम देना चाहिए.
इसके अलावा रिपोर्ट कि स्टडी के दौरान समझा गया कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कुछ शक्तिशाली पुरुष नियंत्रित करते हैं. निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं के इस शक्तिशाली समूह को माफिया कहा गया है, क्योंकि वे अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों का करियर बर्बाद करने की ताकत रखते हैं.
महिला शोषण
इस रिपोर्ट के मुताबिक मलयालम सिनेमा में महिलाओं के प्रति गलत नजरिया भी देखने को मिला है. मलयालम इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच सिंड्रोम की भी इसमें पुष्टि की गई है. इसमें कहा गया है कि निर्देशक और निर्माता अक्सर महिलाओं के शोषण के लिए उन पर दबाव डालते हैं. जो महिलाएं इन निर्माता-निर्देशकों की शर्तों से सहमत हो जाती हैं, उन्हें कोड नाम दिया जाता है. आसान भाषा में इस रिपोर्ट ने मलयालम इंडस्ट्री का सच उजागर किया है. इसीलिए कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर अन्य इंडस्ट्री तक बवाल मचा हुआ है.
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