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क्या है भारतीय ध्वज संहिता, जानिए तिरंगा फहराने और फोटो लेने का सही तरीका

पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के दिन हर घर तिरंगा अभियान के तहत देशभर में तिरंगा फहराने की अपील की है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय ध्वज संहिता क्या है और इसके मुताबिक कैसे तिरंगा फहराया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 15 अगस्त के दिन ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत तिरंगा फहराने की अपील की है. हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा फहराकर देशवासी अपनी सेल्फी ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड कर सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगा फहराने के लिए क्या नियम होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि तिरंगा फहराने के लिए सही नियम क्या है और नियम का पालन नहीं करने पर क्या होता है. 

तिरंगा फहराने का नियम

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश वासियों से खास अपील की है. उन्होंने कहा कि पिछली बार की तरह इस साल भी आप ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड करें. लेकिन क्या आप राष्ट्रीय ध्वज को फहराने और इसके इस्तेमाल के नियम जानते हैं? 

राष्ट्रीय ध्वज को लगाने का सही तरीका?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा संचालित होता है. इसके अनुसार कोई भी सार्वजनिक/निजी संस्था या शैक्षिक संस्थान का सदस्य किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है. लेकिन इसमें ध्यान रखने वाली बात है कि जब भी राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होगी. तिरंगा को किसी भी तरीके से प्रदर्शित करना या फहराना गलत है. 

घर पर तिरंगा फहराने के लिए क्या नियम

भारतीय ध्वज संहिता के अनुच्छेद 2.2 के मुताबिक कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है. हालांकि जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए.

नियमों के मुताबिक, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए, तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए. उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए. यानी कि ध्वज को जमीन पर या गंदी जगह पर नहीं रखा जाना चाहिए. इसके अलावा फटा या मैला-कुचैला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए. ये दंडनीय अपराध है. इसके अलावा ध्वज संहिता कहती है कि राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी अन्य ध्वज या ध्वजों के साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहराया जाना चाहिए.

अब सवाल ये है कि किन जगहों पर तिरंगा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपटने, प्राप्त करने और बांटने के लिए नहीं किया जा सकता. ध्वज को ज़मीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं है. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या वक्ता के मंच को इससे लपेटा नहीं जा सकता है. 

गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज?

देश में अक्सर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आने पर लोग अपनी गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाड़ी पर तिरंगा लगाने को लेकर क्या नियम है. बता दें कि देश के हर नागरिक को गाड़ी पर ध्वज लगाने की इजाजत नहीं है. गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज के फहराने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहित 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार केवल कुछ खास व्यक्तियों तक सीमित है. 

गाड़ी पर तिरंगा राष्ट्रपति.उपराष्ट्रपति,राज्यपाल और उपराज्यपाल,भारतीय मिशन के प्रमुख/प्रधानमंत्री,कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उपमंत्री,मुख्यमंत्री और राज्य या केंद्रशासित कैबिनेट मंत्री,लोकसभा के अध्यक्ष, राज्य सभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषद् के उपाध्यक्ष, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विधान सभाओं के उपाध्यक्ष,भारत के मुख्य न्यायाधीश,सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश,उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश,उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश,उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश अपने सरकारी वाहनों पर तिरंगा लगा सकते हैं. 

क्या मिलती है सजा? 

क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर क्या सजा मिलती है? बता दें कि झंडे को जमीन पर रखना, उल्टा या मैला-कुचैला ध्वज लहराना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाता है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान किए गए हैं. इसके मुताबिक जो व्यक्ति तिरंगे का अपमान करेगा, उसे 3 साल तक की जेल,जुर्माना या फिर दोनों सजा मिल सकती है. 

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