Keyboard Fact: टेक्नोलॉजी ने हमारे कामों को बहुत आसान बना दिया है. कम्प्यूटर का आविष्कार इस क्षेत्र में एक क्रांति लाया जहां से एक नए युग की शुरुआत हुई. आज के समय में कंप्यूटर और कीबोर्ड हमारी रोजाना जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं. चाहे ऑफिस हो या ऑनलाइन क्लास हर क्षेत्र में कंप्यूटर और कीबोर्ड बेसिक जरूरत बन गए हैं. कीबोर्ड का इस्तेमाल करते समय क्या आपने यह नोटिस किया है कि इसके F और J के बटन के नीचे डैश का एक निशान बना होता है? क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि F और J के नीचे ही डैश क्यों बना हो होता है? इसका क्या मतलब है? किन कारणों से यह निशान लगाया जाता है? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं...


क्यों बनें होते हैं ये निशान?


अगर आप कीबोर्ड को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि इसपर F और J के बटन पर डैश का एक हल्का उभरा हुआ निशान होता है. कीबोर्ड के बटनों पर बने इस डैश का आविष्कार जून ई बॉटिच ने साल 2002 में किया था. उसके बाद से ही आज लगभग सभी मॉडर्न कीबोर्ड मॉडल में इस सुविधा का इस्तेमाल किया जाने लगा है. इंटरेस्टिंग फैक्ट्स एंड इंफॉर्मेशन पोर्टल की एक रिपोर्ट के अनुसार कंप्यूटर के कीबोर्ड पर F और J बटन पर पाई जाने वाली ये छोटी सी लकीरें हमें नीचे देखे बिना सही बटन का पता लगाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं. उदाहरण के तौर पर मां लीजिए अगर आप कीबोर्ड पर देखे बिना टाइप करते हैं तो आप सिर्फ डैश को छू कर पता लगा सकते हैं कि कौन-सा बटन कहां पर है. अगर हम इन दोनों डैश का सही इस्तेमाल करना सीख लेते हैं तो यह हमारी टाइपिंग स्पीड को बढ़ाता है और कीबोर्ड को इस्तेमाल करना आसान बना देता है.


F और J की मदद से ऐसे होती है टाइपिंग



  • सबसे पहले अपने बाएं और दाएं हाथ की इंडेक्स फिंगर को क्रमशः 'F' और 'J' बटन के ऊपर रखें.

  • उसके बाद आपकी इंडेक्स फिंगर के साथ आपका बायां हाथ ए, एस, डी और एफ के बटन को कवर करता है.

  • इसी तरह दाहिना हाथ जे, के, एल, और कोलन वाले बटन को कवर करता है और आपके दोनों अंगूठे स्पेस बार पर होने चाहिए.


इन दोनों कीज पर उभार बनाने का आइडिया सबसे पहले जून ई. बॉटिश को आया था. फ्लोरिडा की रहने वालीं बॉटिश ने अपने इस आइडिया को अप्रैल 2002 में लागू करवाया. गौतलब है कि यह उभार वाले बटन QWERTY और Dvorak, दोनों ही प्रकार के कीबोर्ड के बटन पाए जाते हैं.


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