भारतीय सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के हाथों में है. लेकिन युद्ध जैसे हालात होने पर देश की सेना सबसे आगे होकर देश की रक्षा करते हैं. अभी हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में कहा है कि भारत एक "शांतिप्रिय राष्ट्र" है, लेकिन सशस्त्र बलों को शांति बनाए रखने के लिए युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है. अब सवाल ये है कि युद्ध जैसे हालात होने पर सबसे पहले क्या किया जाता है.  


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत शांति का लाभ उठा रहा है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है. रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में बदलाव के अनुरूप संयुक्त सैन्य दृष्टिकोण विकसित करने और भविष्य के युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया है. 


दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना


भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात खराब होने के बाद अब भारत पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश की सीमा पर भी काफी चौकन्ना है. बता दें कि भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है. सबसे शक्तिशाली सेना के मामले में अमेरिका पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है.
भारत के पास 4500 टैंक. 538 लड़ाकू विमान भारतीय सेना के पास 4,500 टैंक और 538 लड़ाकू विमान है. जबकि चीन के पास 20 लाख सैनिक है. अमेरिका की पावरइंडेक्स वैल्यू 0.0712 है, रूस की वैल्यू 0.0714 है, वहीं चीन की वैल्यू 0.0722 है. भारत की बात किया जाए तो इसकी रैंकिंग वैल्यू 0.1025 है. वहीं पाकिस्तान की वैल्यू 0.1694 है.


युद्ध की स्थिति 


अब सवाल ये है कि युद्ध की स्थिति बनने पर क्या होता है? बता दें कि युद्ध की स्थित पर बनने पर भारत के सभी सशस्त्र बल हर मोर्चा पर तैयार रहते हैं. किसी भी बॉर्डर पर घुसपैठ या हमला होने पर सुरक्षाबलों के जवान तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हैं. वहीं युद्ध जैसी स्थिति होने पर सभी जवाबी कार्रवाई के लिए आदेश सरकार और रक्षा मंत्रालय की तरफ से आता है. जिसके बाद सुरक्षाबल के जवान दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. देशभर में कभी भी हमला होने पर सबसे पहले सभी फोर्स को तुरंत सतर्क रहने के लिए कहा जाता है, वहीं छुट्टी पर गए सभी जवानों को तुरंत प्रभाव से वापस आकर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा जाता है. 


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