बैंकों के बैंक आरबीआई के गवर्नर की कितनी होती है सैलरी, साथ में मिलती हैं ये सुविधाएं
आरबीआई गवर्नर के बिना बैंकों से संबंधित कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया जाता. किसी भी नोट को छापने के लिए या उसे बंद करने के लिए भी आरबीआई गवर्नर की सहमति जरुरी होती है.
कोई नया नोट छपना हो या पुराना हटाना या फिर बैंकों से संबंधित कोई भी बड़ा फैसला लेना हो, ये सभी काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर के होते हैं. जिसे बैंकों का बैंक भी कहा जा सकता है. बैंक से संबंधित हर बड़ा फैसला आरबीआई ही करती है. उनकी सैलरी और उनके अधिकारों को लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं. तो चलिए आज हम आपके इन सवालों का जवाब लाए हैं.
कितनी होती है आरबीआई गवर्नर की सैलरी?
आरबीआई के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास हैं. जो आरबीआई के 25वें गवर्नर हैं. सैलरी की बात करें तो पिछले फाइनेंशियल ईयर में उनकी मासिक सैलरी 2.5 लाख रुपये थी. रिपोर्ट की मानें तो शक्तिकांत दास से पहले आरबीआई के गवर्नर रहे उर्जित पटेल की मासिक सैलरी भी इतनी ही थी. वहीं आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट्स की मासिक सैलरी 2.16 लाख रुपये है.
वेतन के साथ मिलती हैं ये सुविधाएं
आरबीआई गवर्नर को वेतन के साथ भी कई सुविधाएं मिलती हैं. सरकार की तरफ से उन्हें घर, गाड़ी, ड्राइवर, मंहगाई भत्ता और ग्रेड अलाउंस भी दिया जाता है. इसके अलावा आरबीआई गवर्नर को मेडिकल और एजुकेशन के लिए भी सरकार पैसे देती है.
कौन हैं शक्तिकांत दास?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ओडिशा के निवासी हैं, जिनका जन्म 26 फरवरी 1957 को ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए किया है. जिसके बाद उन्होंने यूपीएसई की परीक्षा भी पास की. वो साल 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनकी पहचान ऐसे अधिकारी के तौर पर होती है जो कठिन से कठिन मुद्दों पर भी आम सहमति बनाने में भरोसा करते हैं. आरबीआई गवर्नर बनने से पहले वो साल 2008 में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं. उन्हें साल 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद दिया गया था, जिसे साल 2021 में तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया.
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