Wooden Block On Platform: देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल से शायद आपने भी कभी न कभी सफर किया होगा. यह तो सभी जानते हैं कि ट्रेन पकड़ने के लिए हमे स्टेशन जाना होता है. स्टेशन जाकर टिकट खरीदना होता है और फिर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के आने का इंतजार करते हैं. स्टेशन पर अक्सर आपने देखा होगा कि जब प्लेटफॉर्म के दूसरी ओर जाना होता है तो बहुत से लोग प्लेटफॉर्म से नीचे उतरकर ही पटरियों पार करते हैं.
शायद आपने भी कभी ऐसा किया होगा, आपने गौर किया होगा कि जब स्टेशन पर इस तरह पटरियों को पार करते हैं तो प्लेटफॉर्म के ऊपर चढ़ने के लिए पटरी और प्लेटफॉर्म के बीच एक बड़ा-सा लकड़ी का टुकड़ा लगा होता है. ज्यादातर लोग इसी टुकड़े पर पैर रखकर प्लेटफॉर्म पर चढ़ते हैं. कभी सोचा है ये टुकड़ा वहां क्यों लगा होता है?
प्लेटफॉर्म पर चढ़ते के लिए नहीं होता ये टुकड़ा
जब भी लोग इस तरह से पटरियों को पार करते हैं तो इसी टुकड़े के सहारे आनी से नीचे उतरते और ऊपर चढ़ते हैं. बहुत से लोगों को यही लगता है कि ये टुकड़ा इसीलिए यहां लगाया जाता है, ताकि लोग आसानी से उतर और चढ़ सकें, जबकि ऐसा नहीं है. पटरियों को पार करने के लिए स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज बने होते हैं. हमेशा उन्ही से प्लेटफॉर्म को पार करना चाहिए.
तो किसलिए होता है ये टुकड़ा?
आपको मालूम होगा कि जब ट्रेन स्टेशन पर आती है तो प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच ज्यादा अंतर नहीं होता है. लेकिन, जब ट्रेन पटरी से गुजरती है तो पटरी में कंपन होती है, जिस वजह से पटरी हल्की सी दाएं-बाएं हो जाती है. ऐसे में ये लकड़ी का टुकड़ा इसीलिए लगाया जाता है, ताकि पटरी अगर दाएं बाएं हो भी तो प्लेटफॉर्म की ओर न खिसके. क्योंकि अगर ऐसा होता है तो ट्रेन प्लेटफॉर्म से लड़ सकती है.
ये टुकड़ा आपको स्टेशन पर ही देखने को मिलेगा, क्योंकि वहां प्लेटफॉर्म बनें होते हैं. ऐसे में पटरी के दाएं बाएं होने से ट्रेन और प्लेटफॉर्म को नुकसान हो सकता है. ये टुकड़ा आपको सिर्फ प्लेटफॉर्म की ओर ही देखने को मिलेंगे. रेलवे के कर्मचारी इसे आम भाषा में गुटका बोलते हैं.
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